Bangladesh Violence:भारत-रूस जिसके लिए मदद कर रहे थे उस परमाणु प्लांट का क्या हुआ?

07:17 AM Aug 29, 2024 | zoomnews.in

Bangladesh Violence: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार पर 5 बिलियन डॉलर के घोटाले का आरोप लगा है, जो रूपपुर न्यूक्लियर पावर प्लांट (RNPP) से जुड़ा है। हालांकि, रूस के राजदूत एलेक्जेंडर मंतित्स्की ने इस आरोप को खारिज किया है, क्योंकि उनका कहना है कि प्लांट अभी निर्माणाधीन है और इतनी बड़ी रकम का भुगतान असंभव है।

RNPP बांग्लादेश का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट है, जिसे रूस की सरकारी कंपनी ROSATOM द्वारा विकसित किया जा रहा है। शेख हसीना का यह ड्रीम प्रोजेक्ट भारत और रूस के सहयोग से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में, प्लांट की यूनिट-2 के लिए महत्वपूर्ण ट्रांसपोर्ट लॉक साइट पर पहुंचाया गया है। यह लॉक रेडियोएक्टिव पदार्थों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और फायर सेफ्टी में मदद करेगा।

रोसाटॉम के अनुसार, RNPP का लगभग 85% निर्माण पूरा हो चुका है। यूनिट-1 इस साल चालू होने की उम्मीद है, जबकि यूनिट-2 अगले साल शुरू होगी। शेख हसीना ने ROSATOM से यूनिट-3 और यूनिट-4 के निर्माण की इच्छा जताई थी, लेकिन उनकी सरकार के जाने के बाद इन यूनिट्स का भविष्य अस्पष्ट है। फिर भी, रूस की ओर से सहायता जारी रहने की बात की गई है।

कहां तक पहुंचा न्यूक्लियर प्लांट का निर्माण?

बीते दिनों बांग्लादेश में हुए सियासी उठापटक के बाद इस तरह के आरोप तो लगने ही थे, लेकिन शेख हसीना की सरकार जाने के बाद अब इस न्यूक्लियर पावर प्लांट का काम कहां तक पहुंचा है?

ताजा जानकारी के मुताबिक रूपपुर न्यूक्लियर पावर प्लांट (RNPP) की यूनिट-2 के लिए परमाणु ईंधन हैंडलिंग सिस्टम का एक हिस्सा ट्रांसपोर्ट लॉक कंस्ट्रक्शन साइट पर पहुंचा दिया गया है. RNPP बनाने वाली रूसी कंपनी रोसाटॉम के अनुसार, ट्रांसपोर्ट लॉक जल्द ही रिएक्टर बिल्डिंग में स्थापित किया जाएगा जो ज्यादा सटीक और सबसे अधिक मुश्किल काम है. ट्रांसपोर्ट लॉक का मुख्य काम कंटेनमेंट के अंदर रेडियोएक्टिव पदार्थों को बनाए रखना और फायर सेफ्टी सुनिश्चित करना है. 235 टन वजनी यह लॉक एक बेलनाकार स्ट्रक्चर है, जिसकी लंबाई 12.7 मीटर और व्यास 10 मीटर है.

RNPP का 85% काम पूरा- रोसाटॉम

रोसाटॉम के मुताबिक RNPP का करीब 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है. रूपपुर न्यूक्लियर प्लांट में 2 यूनिट हैं, इसमें VVER-1200 रिएक्टर होंगे जिनकी कुल क्षमता 2400 मेगावॉट होगी. जानकारी के मुताबिक इसकी यूनिट-1 इसी साल चालू होना था. वहीं यूनिट-2 अगले साल कमीशन्ड होगी. यानी अगले साल तक यह न्यूक्लियर पावर प्लांट पूरी तरह से चालू हो जाएगा.

वहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना चाहती थीं कि ROSATAM ही इसके यूनिट-3 और यूनिट-4 का निर्माण करे, लेकिन सरकार जाने के बाद अब इन दोनों यूनिट का भविष्य क्या होगा इस पर संशय बरकरार है. हालांकि रूस के राजदूत एलेक्जेंडर मंतित्स्की ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से शिष्टाचार भेंट के दौरान इस न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए रूस की ओर से सहायता जारी रखने की इच्छा जताई है.