Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध नए स्तर पर पहुंच गया है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, रूस ने दर्जनों क्रूज मिसाइलों और ड्रोन्स के ज़रिये भीषण हमले किए हैं। इन हमलों ने पूर्वी यूक्रेन के प्रमुख शहर पोक्रोवस्क के आसपास हालात को और गंभीर बना दिया है। यूक्रेनी सेना के शीर्ष कमांडर ने आगाह किया है कि रूसी सेना शहर से मात्र कुछ किलोमीटर की दूरी पर है, और जंग और भीषण होती जा रही है।
रूसी सेना का व्यापक आक्रमण
यूक्रेनी सेना प्रमुख जनरल ओलेक्सांद्र सिरस्की ने हाल ही में अपने फेसबुक पोस्ट में बताया कि रूसी सेना पूरी ताकत के साथ आक्रमण कर रही है। उन्होंने कहा कि रूसी सेना न केवल संख्या में अधिक है, बल्कि वे अत्याधुनिक हथियारों और ग्लाइड बमों का इस्तेमाल करके यूक्रेनी सुरक्षा को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
जनरल सिरस्की ने बताया कि उनकी सेना कठिन हालात में है, लेकिन उन्होंने सैनिकों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि यूक्रेनी सेना हर कीमत पर अपनी रक्षा के लिए तैयार है।
पोक्रोवस्क: लड़ाई का केंद्र
पोक्रोवस्क अब संघर्ष का केंद्र बन चुका है। रूस ने इस क्षेत्र में अपने हमलों की तीव्रता बढ़ा दी है। शहर के आसपास रूसी सेना की प्रगति ने यहां के नागरिकों और सैनिकों के लिए खतरा बढ़ा दिया है। यह इलाका रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है, और इसके नियंत्रण को लेकर दोनों पक्षों के बीच ज़बरदस्त लड़ाई हो रही है।
ग्लाइड बमों का इस्तेमाल
रूसी सेना द्वारा ग्लाइड बमों का इस्तेमाल इस युद्ध में नई चुनौती पैदा कर रहा है। ये बम पारंपरिक हथियारों की तुलना में अधिक प्रभावी और सटीक माने जाते हैं। इनकी मदद से रूस, यूक्रेनी सेना के ठिकानों और रणनीतिक स्थानों को निशाना बना रहा है।
नाजुक स्थिति
यूक्रेन के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण है। कम सैनिकों और संसाधनों के बावजूद, यूक्रेनी सेना अपने देश की रक्षा के लिए डटी हुई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस संघर्ष पर है, लेकिन रूस का आक्रमण लगातार बढ़ रहा है।
आगे का रास्ता
इस युद्ध में शांति की संभावनाएं धूमिल होती जा रही हैं। दोनों पक्षों के बीच संवाद और समझौते का कोई ठोस प्रयास नज़र नहीं आ रहा है। जब तक संघर्ष जारी रहेगा, निर्दोष नागरिक और सैनिक इसकी कीमत चुकाते रहेंगे।
यह संघर्ष केवल रूस और यूक्रेन का नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। अंतरराष्ट्रीय नेताओं और संगठनों को इस मामले में ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है, ताकि यह संकट और गहराने से रोका जा सके।