Russia-Ukraine War: हाल ही में अमेरिकी मीडिया में खबरें आईं थीं कि अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई है, जिसमें ट्रंप ने पुतिन से यूक्रेन में संघर्ष को रोकने की अपील की थी। लेकिन अब क्रेमलिन ने इन खबरों को खारिज करते हुए इसे "झूठा और काल्पनिक" बताया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने स्पष्ट रूप से कहा कि राष्ट्रपति पुतिन का ट्रंप से फोन पर बात करने का कोई इरादा नहीं है और मीडिया में इस तरह की रिपोर्ट्स का कोई आधार नहीं है।
अमेरिकी मीडिया ने किया था दावा
वॉशिंगटन पोस्ट और रॉयटर्स समेत कई अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स ने दावा किया था कि 7 नवंबर को ट्रंप और पुतिन के बीच एक फोन कॉल हुआ था। रिपोर्टों के मुताबिक, इस कॉल में ट्रंप ने पुतिन से यूक्रेन के साथ संघर्ष को और बढ़ने से रोकने की अपील की थी। यह भी कहा गया कि ट्रंप ने यूरोप में अमेरिकी सेना की मौजूदगी को लेकर भी पुतिन से चर्चा की। लेकिन क्रेमलिन की ओर से इन रिपोर्टों को खारिज कर दिया गया है। पेसकोव ने इसे "पूरी तरह से गलत और कल्पनाशील" बताया और कहा कि यह एक ऐसी मिसाल है जिसमें प्रतिष्ठित मीडिया आउटलेट भी बेबुनियाद खबरें प्रकाशित कर देते हैं।
ट्रंप के चुनावी वादे की ओर बढ़ता कदम?
ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध को 24 घंटे के भीतर खत्म कर सकते हैं। कई मौकों पर ट्रंप ने पुतिन की सराहना की थी और बाइडेन प्रशासन की ओर से यूक्रेन को दी जा रही सैन्य और आर्थिक मदद की आलोचना भी की थी। इसलिए ट्रंप और पुतिन के बीच बातचीत की खबरों ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी थी।
जेलेंस्की से हुई थी बातचीत
इससे पहले ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से भी बातचीत की थी। जेलेंस्की ने ट्रंप को चुनाव जीतने पर बधाई देने के लिए फोन किया था, और यह कॉल सकारात्मक रहा। इस दौरान ट्रंप ने जेलेंस्की की बात एलन मस्क से भी कराई थी। पुतिन के साथ बातचीत की खबरों के बीच ट्रंप और जेलेंस्की की बातचीत को भी ध्यान में रखा गया था।
रूस की प्रतिक्रिया: रणनीति या रहस्य?
रूस द्वारा ट्रंप और पुतिन की बातचीत से इनकार करना यह संकेत हो सकता है कि रूस अपनी रणनीति को लेकर कुछ समय के लिए चुप रहना चाहता है। पुतिन और ट्रंप के बीच बातचीत का खंडन करने से यह स्पष्ट होता है कि रूस भविष्य में ट्रंप की विदेश नीति का इंतजार करेगा, जिससे वे अपनी रणनीति तय कर सकें।
रूस और अमेरिका के रिश्तों में कई बार उतार-चढ़ाव आते रहे हैं। ट्रंप के प्रचार के दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने की बात ने जहां एक ओर उनके समर्थकों को आकर्षित किया, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी इस विषय को लेकर जिज्ञासा बनी हुई है। अब देखना यह होगा कि ट्रंप का यह वादा भविष्य में कैसे आकार लेता है और रूस इस मामले में किस तरह की प्रतिक्रिया देता है।