US-Russia Relations: रूस और अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों ने मंगलवार को सऊदी अरब में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें उन्होंने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने और दोनों देशों के रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए बातचीत शुरू की। यह बैठक रियाद के दिरियाह पैलेस में आयोजित की गई, और इसे ट्रंप प्रशासन द्वारा रूस को अलग-थलग करने की अमेरिकी नीति में बदलाव की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इस बैठक का उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच भविष्य में होने वाली मुलाकात का मार्ग प्रशस्त करना था।
यूक्रेन ने स्पष्ट किया अपना रुख
इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन और रूस के प्रति अपनी नीति में बदलाव का ऐलान करते हुए कहा था कि वह और पुतिन युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत करने पर सहमत हो गए हैं। हालांकि, यूक्रेनी अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लेने से इंकार कर दिया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को स्पष्ट किया कि अगर कीव को इस वार्ता में भाग लेने का अवसर नहीं मिलता, तो उनका देश इस प्रक्रिया के परिणाम को स्वीकार नहीं करेगा।
अमेरिका-रूस संबंधों में कठिन दौर
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव सोमवार रात सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे थे। उशाकोव ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वार्ता पूरी तरह से द्विपक्षीय होगी, और इसमें यूक्रेनी अधिकारी शामिल नहीं होंगे। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज, और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ रूसी प्रतिनिधिमंडल से मिलेंगे।
यह वार्ता अमेरिका और रूस के रिश्तों में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है, जो कि पिछले तीन वर्षों से जारी यूक्रेन युद्ध के कारण अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे थे। इस युद्ध के कारण अमेरिका और रूस के रिश्ते दशकों में सबसे खराब स्थिति में पहुंचे हैं। ऐसे में यह बैठक दोनों देशों के लिए एक निर्णायक मोड़ हो सकती है, जो आगे चलकर वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।
निष्कर्ष
रूस और अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों की यह मुलाकात सऊदी अरब में वैश्विक संबंधों को पुनः आकार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग की दिशा में यह वार्ता एक नई आशा का संकेत देती है। हालांकि, यूक्रेनी अधिकारियों के नदारद रहने के कारण इसका भविष्य अभी अनिश्चित है, लेकिन यह स्पष्ट है कि दोनों राष्ट्रों के बीच तनाव कम करने और शांतिपूर्ण समाधान की ओर एक कदम बढ़ाया गया है।