Farmer Protest News: पंजाब में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आज 10 घंटे का बंद रखा, जो सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 4 बजे तक जारी रहेगा। यह बंद राज्य भर में सड़कों और रेल यातायात को प्रभावित कर रहा है। मोहाली के एयरोसिटी रोड पर मुख्य सड़कों और रेलवे लाइनों को जाम कर दिया गया है। हालांकि, इमरजेंसी सेवाओं और एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को निकलने की अनुमति दी गई है।
अनशन और गांधीवादी विरोध का दौर
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन आज 35वें दिन में प्रवेश कर चुका है। खनौरी में किसान नेताओं ने अपने शांतिपूर्ण विरोध को गांधीवादी तरीके से जारी रखने का ऐलान किया। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या वह उनके आंदोलन को दबाने के लिए बल प्रयोग का सहारा लेगी।
ट्रैफिक और परिवहन पर प्रभाव
पंजाब बंद को लेकर पुलिस ने विशेष ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। कई प्रमुख मार्ग अवरुद्ध हैं, और लोगों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
- 163 ट्रेनें रद्द की गई हैं, और कई ट्रेनों के रूट बदल दिए गए हैं।
- सरकारी बस सेवाएं सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक चार घंटे के लिए बंद रहेंगी। इससे 1,000 से अधिक बसों का संचालन प्रभावित होगा।
किसानों की एकजुटता
हरियाणा के हिसार में कल किसान आंदोलन के समर्थन में खाप महापंचायत आयोजित की गई थी। इसमें किसान मजदूर मोर्चा, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक), और रेसलर बजरंग पुनिया जैसे प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने पंजाब के लोगों से आज के बंद में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की।
किसानों की मुख्य मांगें
किसानों ने अपनी कई प्रमुख मांगों को रखा है, जिनमें शामिल हैं:
- MSP पर खरीद की गारंटी का कानून: न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी।
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें: लागत के अनुसार किसानों को उचित मूल्य।
- भूमि अधिग्रहण कानून 2013: इसे प्रभावी रूप से लागू करने की मांग।
- मुकदमों की वापसी: आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मामलों को वापस लिया जाए।
- किसानों का कर्ज माफ: पेंशन योजना लागू करने के साथ।
- फसल बीमा योजना का सुधार: इसका प्रीमियम सरकार वहन करे।
- लखीमपुर खीरी कांड: दोषियों को सजा।
- मनरेगा में सुधार: 200 दिनों का रोजगार और ₹700 दैनिक मजदूरी।
- नकली बीज और खाद पर सख्ती: कड़े कानून बनाने की मांग।
- भूमिहीन किसानों के लिए रोजगार: बच्चों को रोजगार और मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक।
पंजाब बंद का संदेश
यह बंद किसानों की एकता और उनकी मांगों के प्रति दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। राज्य सरकार और केंद्र पर दबाव बढ़ाने के लिए किसानों ने शांतिपूर्ण और व्यवस्थित विरोध का रास्ता चुना है। अब यह देखना होगा कि सरकार इन मांगों का समाधान निकालने के लिए क्या कदम उठाती है।
किसानों का यह आंदोलन न केवल उनके अधिकारों की लड़ाई है, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि लोकतांत्रिक तरीकों से भी आवाज़ उठाई जा सकती है।