Reserve Bank Of India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल भुगतान को और अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाने के लिए यूपीआई लाइट के तहत प्रति लेनदेन की सीमा बढ़ाकर 500 रुपये से 1000 रुपये कर दी है। यह निर्णय डिजिटल भुगतान के उपयोग को बढ़ावा देने और छोटे लेनदेन को सरल बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। हालांकि, यूपीआई वॉलेट की कुल सीमा 5,000 रुपये ही बनी रहेगी।
क्या है यूपीआई लाइट?
यूपीआई लाइट एक विशेष फीचर है जो छोटे डिजिटल भुगतान को तेजी से और बिना बाधा के पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ऑफलाइन ट्रांजेक्शन को सपोर्ट करता है, जिसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता नहीं होती।
मुख्य विशेषताएं:
- बिना AFA (एडिशनल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन): यूपीआई लाइट के तहत लेनदेन में पिन डालने की जरूरत नहीं होती, जिससे प्रक्रिया तेज और सरल हो जाती है।
- ऑफलाइन भुगतान: यह फीचर इंटरनेट या नेटवर्क कनेक्टिविटी के बिना भी काम करता है।
- रियल-टाइम अलर्ट: लेनदेन के दौरान वास्तविक समय में नोटिफिकेशन नहीं आते, लेकिन रिकॉर्ड सुरक्षित रहते हैं।
बढ़ी हुई लिमिट के फायदे
आरबीआई के नए नियम के अनुसार, अब एक बार में 1000 रुपये का भुगतान किया जा सकता है। कुल 5,000 रुपये की वॉलेट सीमा के साथ, उपयोगकर्ता पांच बार में वॉलेट का पूरा उपयोग कर सकते हैं।
- छोटे व्यापारियों और ग्राहकों के लिए यह सुविधा काफी उपयोगी होगी, क्योंकि बार-बार पिन डालने और इंटरनेट कनेक्टिविटी की बाध्यता नहीं होगी।
- कैशलेस लेनदेन को और बढ़ावा मिलेगा।
ऑफलाइन लेनदेन की वर्तमान स्थिति
फिलहाल, ऑफलाइन लेनदेन की उच्चतम सीमा एक बार में 500 रुपये है। किसी भी समय ऑफलाइन लेनदेन की कुल सीमा 2,000 रुपये तक सीमित है।
यूपीआई के ट्रांजेक्शन में रिकॉर्ड वृद्धि
यूपीआई के लेनदेन में लगातार वृद्धि हो रही है। अक्टूबर 2024 में,
- 16.58 बिलियन ट्रांजेक्शन दर्ज किए गए।
- कुल लेनदेन मूल्य 23.50 ट्रिलियन रुपये रहा।
- नवंबर में औसतन 516 मिलियन डेली ट्रांजेक्शन हुए, जिसकी दैनिक लेनदेन राशि 71,840 करोड़ रुपये रही।
पिछले बदलाव और भविष्य की राह
2022 में आरबीआई ने ऑफलाइन भुगतान के लिए यूपीआई लाइट की सीमा तय की थी। अक्टूबर 2024 में, रिजर्व बैंक ने इसे बढ़ाने की घोषणा की। यूपीआई प्लेटफॉर्म पर लेनदेन की बढ़ती संख्या और इसमें हो रहे सुधार इसे भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे लोकप्रिय माध्यम बना रहे हैं।
निष्कर्ष
यूपीआई लाइट के तहत प्रति लेनदेन सीमा बढ़ाकर 1000 रुपये करना छोटे और मध्यम भुगतान को तेज और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह बदलाव डिजिटल लेनदेन को और अधिक सुलभ बनाएगा और देश के डिजिटल अर्थव्यवस्था के विस्तार में अहम भूमिका निभाएगा।