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Reserve Bank Of India:इस बैंक और फाइनेंस कंपनी पर RBI ने लगाया मोटा जुर्माना, चुकानी होगी इतनी रकम

Reserve Bank Of India: रिजर्व बैंक ने 31 मार्च, 2023 तक अपनी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए एक वैधानिक निरीक्षण किया था और

Reserve Bank Of India: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय अनुशासन को सुनिश्चित करने के लिए प्राइवेट सेक्टर के इंडसइंड बैंक और मणप्पुरम फाइनेंस पर जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई संबंधित संस्थानों द्वारा नियमों के उल्लंघन पर आधारित है।

इंडसइंड बैंक पर 27.30 लाख रुपये का जुर्माना

इंडसइंड बैंक के खिलाफ यह कार्रवाई जमा पर ब्याज दर से संबंधित नियमों के उल्लंघन के मामले में की गई है। आरबीआई ने 31 मार्च, 2023 को इंडसइंड बैंक की वित्तीय स्थिति के निरीक्षण के बाद पाया कि बैंक ने कुछ अयोग्य संस्थाओं के नाम पर बचत जमा खाते खोले थे। इस संदर्भ में बैंक को नोटिस जारी किया गया, और बैंक के जवाब तथा अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, 27.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

आरबीआई ने स्पष्ट किया कि यह जुर्माना केवल नियामक अनुपालन में हुई कमियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य बैंक और उसके ग्राहकों के बीच किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।

मणप्पुरम फाइनेंस पर 20 लाख रुपये का जुर्माना

मणप्पुरम फाइनेंस के खिलाफ कार्रवाई "अपने ग्राहक को जानो" (केवाईसी) मानदंडों के उल्लंघन के चलते की गई है। आरबीआई ने 31 मार्च, 2023 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के निरीक्षण में पाया कि कंपनी ग्राहक स्वीकृति प्रक्रिया के दौरान पैन कार्ड की सत्यापन सुविधा का उपयोग करने में विफल रही।

इसके अलावा, मणप्पुरम फाइनेंस ने कुछ ग्राहकों को एक विशिष्ट ग्राहक पहचान कोड (यूसीआईसी) देने के बजाय, कई कोड आवंटित किए। यह गलती केवाईसी प्रक्रिया में गंभीर कमी को दर्शाती है। इन उल्लंघनों के आधार पर आरबीआई ने कंपनी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

आरबीआई का दृष्टिकोण

आरबीआई ने दोनों मामलों में स्पष्ट किया है कि ये जुर्माने केवल नियामक अनुपालन की कमियों पर आधारित हैं। इसका उद्देश्य इन संस्थानों द्वारा किए गए किसी भी वित्तीय लेनदेन की वैधता पर टिप्पणी करना नहीं है।

निष्कर्ष

यह कार्रवाई भारतीय वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इंडसइंड बैंक और मणप्पुरम फाइनेंस जैसे प्रमुख संस्थानों पर जुर्माना लगाना अन्य संस्थाओं के लिए एक कड़ा संदेश है कि नियमों का उल्लंघन किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। वित्तीय संस्थानों के लिए यह जरूरी है कि वे ग्राहक सेवा और परिचालन प्रक्रियाओं में नियामक मानकों का कड़ाई से पालन करें।

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