Shaktikanta Das: देश के किसी बड़े अधिकारी को वैश्विक स्तर पर सम्मान मिलना न केवल उस व्यक्ति की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है, बल्कि पूरे देश का मान भी बढ़ाता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास को लगातार दूसरे साल इस गौरव का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। अमेरिका की मशहूर मैगजीन ‘ग्लोबल फाइनेंस’ ने उन्हें विश्व स्तर पर टॉप सेंट्रल बैंकर का दर्जा दिया है। यह पुरस्कार दुनिया के विभिन्न देशों के सेंट्रल बैंक के प्रमुखों के कामकाज के व्यापक आकलन के बाद प्रदान किया जाता है।
A+ रेटिंग का सम्मान
आरबीआई ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट में गर्व से घोषणा की, "हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि लगातार दूसरे साल आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को ग्लोबल फाइनेंस सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड 2024 में A+ रेटिंग दी गई है।” शक्तिकांत दास दुनिया के उन तीन शीर्ष सेंट्रल बैंक गवर्नरों में शामिल हैं, जिन्हें ए प्लस रेटिंग प्राप्त हुई है।
Happy to announce that for the 2nd consecutive year, RBI Governor @DasShaktikanta
— ReserveBankOfIndia (@RBI) August 20, 2024
has been rated “A+”, in the Global Finance Central Banker Report Cards 2024.
Link to the report card: https://t.co/S69gz2HR0U@DasShaktikanta @RBI #RBIGovernor #RBIToday #ShaktikantaDas
सम्मान के पीछे का कारण
ग्लोबल फाइनेंस मैगजीन विभिन्न मानकों पर सेंट्रल बैंक के गवर्नरों के कामकाज का मूल्यांकन करती है और फिर उन्हें रेटिंग प्रदान करती है। मैगजीन के अनुसार, शक्तिकांत दास को यह सम्मान महंगाई पर नियंत्रण, आर्थिक वृद्धि के लक्ष्यों को पूरा करने, विनिमय दर में स्थिरता बनाए रखने और नीतिगत ब्याज दरों के कुशल प्रबंधन में सफलता के आधार पर दिया गया है।
रेटिंग प्रणाली और दास की उपलब्धि
मैगजीन सेंट्रल बैंक गवर्नरों के कामकाज को A से F तक की रेटिंग देती है, जिसमें ए रेटिंग सबसे अच्छे प्रदर्शन का प्रतीक होती है, जबकि एफ रेटिंग विफलता को दर्शाती है। शक्तिकांत दास को ‘ए प्लस’ रेटिंग मिलना उनके बेहतर से भी श्रेष्ठ प्रदर्शन का संकेत है।
शक्तिकांत दास के अलावा, डेनमार्क के क्रिश्चियन केटल थॉमस और स्विट्जरलैंड के थॉमस जॉर्डन को भी इस प्रतिष्ठित ए प्लस श्रेणी में स्थान दिया गया है। यह सम्मान शक्तिकांत दास की उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और आरबीआई की कुशल नीतियों का प्रमाण है, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है और वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है।