Ravichandran Ashwin: भारत के महान गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में गाबा टेस्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। अश्विन, जिन्होंने अपने करियर में भारत के लिए असंख्य रिकॉर्ड बनाए और विश्व क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई, अब क्रिकेट के मैदान से अलविदा ले रहे हैं। उन्होंने कुल 287 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 765 विकेट हासिल किए, जो उन्हें भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बनाते हैं। इस मामले में वह सिर्फ अनिल कुंबले से पीछे हैं, जिन्होंने 953 विकेट लिए हैं।
अश्विन का यह ऐतिहासिक सफर कई यादगार लम्हों से भरा हुआ है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 537 विकेट हासिल किए, जिससे वह टेस्ट क्रिकेट के सबसे सफल भारतीय गेंदबाजों में से एक बने। इसके अलावा, उन्होंने वनडे में 156 विकेट और टी-20 क्रिकेट में 72 विकेट लिए। अश्विन का क्रिकेट करियर केवल उनके गेंदबाजी आंकड़ों तक सीमित नहीं था, बल्कि एक बल्लेबाज के तौर पर भी उनकी अहमियत रही। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 3503 रन बनाए और छह शतक लगाए, साथ ही फर्स्ट क्लास क्रिकेट में आठ शतक अपने नाम किए।
टेस्ट क्रिकेट में अश्विन का दबदबा
अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में कुल 106 मैचों में 537 विकेट हासिल किए। उन्होंने 37 बार पारी में पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया, जो किसी भी भारतीय गेंदबाज के लिए सबसे ज्यादा है। उनका यह रिकॉर्ड अनिल कुंबले (35) से भी बेहतर है। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा पांच विकेट हॉल लेने का रिकॉर्ड श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के नाम है, जिन्होंने 67 बार ऐसा किया। इसके अलावा, अश्विन शेन वॉर्न के साथ संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ अश्विन का प्रदर्शन
अश्विन ने अपने करियर में इंग्लैंड के खिलाफ सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ तीनों फॉर्मेट मिलाकर 53 मैचों में 150 विकेट लिए। इसके बाद, ऑस्ट्रेलिया आता है, जिसके खिलाफ उन्होंने 50 मैचों में 146 विकेट लिए।
विदेश में सबसे ज्यादा विकेट - ऑस्ट्रेलिया में अश्विन का प्रदर्शन
अगर हम विदेश में अश्विन के प्रदर्शन की बात करें, तो ऑस्ट्रेलिया उनके लिए सबसे शानदार स्थल साबित हुआ। उन्होंने कंगारुओं के घर में कुल 38 मैचों में 71 विकेट हासिल किए। वहीं, श्रीलंका में 16 मैचों में उनके नाम 49 विकेट हैं। भारत में उन्होंने 131 मैचों में 475 विकेट लिए।
अश्विन के संन्यास से भारतीय क्रिकेट ने एक और महान खिलाड़ी को खो दिया है, लेकिन उनके द्वारा किए गए योगदान और रिकॉर्ड हमेशा याद किए जाएंगे। उनका करियर न केवल क्रिकेट प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल भी बनेगा।