Ratan Tata Wish: रतन टाटा, टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन, ने अपने जीवन में अरबों रुपये का कारोबार संभाला और अनेकों सफलताएं हासिल कीं। उनके पास इतनी दौलत थी कि वह जो चाहें खरीद सकते थे। लेकिन, इतने बड़े कारोबारी होने के बावजूद, रतन टाटा का एक ऐसा सपना था जो वह कभी पूरा नहीं कर सके। यह सपना था एक स्ट्रिंग इंस्ट्रूमेंट सीखने का, जिसे वह अपनी जिंदगी में कभी खरीद नहीं पाए।
रतन टाटा का अधूरा सपना
रतन टाटा ने एक इंटरव्यू में अपने इस अधूरे सपने का ज़िक्र किया था। उन्होंने बताया कि वह हमेशा से एक स्ट्रिंग इंस्ट्रूमेंट सीखना चाहते थे, जो वायलिन जैसा था। हालांकि, अपने जवानी के दिनों में काम की व्यस्तता के कारण उन्हें इसे सीखने का समय नहीं मिल सका। जब उन्होंने बाद में इसे सीखने का मन बनाया, तो उन्हें अहसास हुआ कि यह इंस्ट्रूमेंट काफी महंगा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह इंस्ट्रूमेंट की कीमत उनके लिए अड़चन नहीं थी, बल्कि उनकी अपनी सादगी और खुद पर खर्च करने की आदत नहीं थी।
जब उनसे पूछा गया कि ऐसा कौन-सा इंस्ट्रूमेंट था जो इतना महंगा था कि वह उसे नहीं खरीद सके, तो उनका जवाब था कि उन्होंने कभी अपने ऊपर अधिक पैसा खर्च करने की आदत नहीं डाली। रतन टाटा का यह जवाब उनकी सादगी को और भी उजागर करता है।
सादगी की मिसाल
रतन टाटा अपने सादगी भरे जीवन के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने हमेशा अपने जीवन में कम से कम संसाधनों का उपयोग किया। वह अपनी ही कंपनी की कार से यात्रा करते थे और मुंबई से बाहर जाने के लिए टाटा ग्रुप की फ्लाइट्स का उपयोग करते थे। यहां तक कि वे अपने समूह के होटलों और गेस्ट हाउसों में ही ठहरना पसंद करते थे।
रतन टाटा ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों को बिताने के लिए कोई आलीशान महल नहीं बनाया। उन्होंने मुंबई के समुद्र किनारे एक छोटा सा तीन मंजिला घर बनवाया, जिसमें वह अपने आखिरी समय तक रहे। इतना ही नहीं, रतन टाटा अपने अंतिम दिनों में अपने सपने के सबसे खास प्रोजेक्ट 'टाटा नैनो' कार का उपयोग करते थे, जो आम जनता के लिए सस्ती कार के रूप में उनकी सोच का प्रतीक है।
रतन टाटा की विरासत
रतन टाटा ने न केवल अपने बिजनेस से, बल्कि अपने सादगी और नैतिकता से भी लोगों के दिलों में जगह बनाई। उन्हें भारत सरकार ने 'पद्म भूषण' और 'पद्म विभूषण' जैसे सम्मान से नवाजा। उनके साथ जुड़े कई किस्से, उनके अनुभव और उनके आदर्श आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।
रतन टाटा का अधूरा सपना चाहे पूरा न हुआ हो, लेकिन उनके जीवन की सादगी, उनकी सफलता, और उनके अद्वितीय व्यक्तित्व ने उन्हें हमेशा के लिए एक महान व्यक्ति के रूप में स्थापित कर दिया।