Gurmeet Ram Rahim Singh:राम रहीम ने 20 दिन की मांगी पैरोल, CEC को भेजी एप्लीकेशन

09:30 AM Sep 29, 2024 | zoomnews.in

Gurmeet Ram Rahim Singh: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने एक बार फिर 20 दिन की पैरोल की मांग की है। बलात्कार और हत्या के जुर्म में 20 साल की सजा काट रहे राम रहीम फिलहाल हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं। उन्होंने अपनी यह मांग हाल ही में जेल प्रशासन के सामने रखी है, और राज्य सरकार ने इस पर निर्णय लेने के लिए मामला मुख्य चुनाव अधिकारी (Chief Election Officer) के पास भेज दिया है, क्योंकि राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है।

चुनाव आयोग का हस्तक्षेप

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से पूछा है कि चुनाव अवधि के दौरान किसी दोषी को पैरोल पर रिहा करना कितना उचित होगा। आदर्श आचार संहिता के चलते इस तरह के मामलों में चुनाव आयोग की मंजूरी जरूरी होती है। इस बीच, राम रहीम की पैरोल पर रिहाई का मामला अभी तक लंबित है और इस पर अंतिम निर्णय मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा लिया जाएगा।

पहले भी मिली है कई बार पैरोल

राम रहीम को पिछले महीने 13 अगस्त, 2024 को 21 दिन की फरलो दी गई थी। यह कोई पहली बार नहीं है जब राम रहीम को पैरोल पर रिहा किया गया हो। पिछले सात वर्षों में, जेल में रहने के दौरान वे कई बार पैरोल और फरलो पर बाहर आ चुके हैं। उनकी पैरोल और फरलो पर बाहर आने की पूरी सूची से यह स्पष्ट है कि उन्हें कई बार छोटी-छोटी अवधि के लिए जेल से बाहर आने का मौका दिया गया है।

राम रहीम की पैरोल/फरलो की सूची:

  • 20 अक्टूबर 2020 - एक दिन की पैरोल
  • 12 मई 2021 - एक दिन की पैरोल
  • 17 मई 2021 - एक दिन की पैरोल
  • 3 जून 2021 - सात दिन की पैरोल
  • 13 जुलाई 2021 - एम्स में इलाज के लिए पैरोल
  • 7 फरवरी 2022 - 21 दिन की फरलो
  • 17 जून 2022 - 30 दिन की पैरोल
  • अक्टूबर 2022 - 40 दिन की पैरोल
  • 21 जनवरी 2023 - 40 दिन की पैरोल
  • 20 जुलाई 2023 - 30 दिन की पैरोल
  • 20 नवंबर 2023 - 21 दिन की पैरोल
  • 19 जनवरी 2024 - 50 दिन की पैरोल
  • 13 अगस्त 2024 - 21 दिन की फरलो

पैरोल की प्रक्रिया

हरियाणा जेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पैरोल की मांग के लिए सामान्य परिस्थितियों में कोई विशेष कारण बताने की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन अगर कोई इमरजेंसी पैरोल की मांग करता है, तो कारण बताना आवश्यक होता है। राम रहीम की 20 दिन की पैरोल 2024 तक बची है, इसलिए उनकी इस मांग में किसी कारण का उल्लेख नहीं किया गया है।

हालांकि, इस बार मामला आदर्श आचार संहिता के चलते थोड़ा जटिल हो गया है, और इसलिए हरियाणा सरकार ने इसे राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को भेज दिया है। आमतौर पर पैरोल को डिविजनल कमिश्नर स्तर पर मंजूरी दी जाती है, लेकिन चुनावी माहौल में यह प्रक्रिया चुनाव आयोग के अधीन हो जाती है।

राम रहीम की सजा और विवाद

गुरमीत राम रहीम को 2017 में दो शिष्याओं के साथ बलात्कार और एक पत्रकार की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया था। उन्हें 20-20 साल की सजा सुनाई गई, जिसे वे अब तक काट रहे हैं। उनकी सजा के दौरान उन्होंने कई बार पैरोल पर जेल से बाहर आने की अनुमति प्राप्त की है, जिससे हर बार विवाद खड़ा हुआ है।

पैरोल और फरलो के दौरान, राम रहीम अपने समर्थकों के साथ संपर्क में रहते हैं, और कई बार उनके बाहर आने से राजनीतिक गतिविधियों में भी हलचल देखी गई है। यही कारण है कि इस बार भी उनकी पैरोल की मांग पर खासा ध्यान दिया जा रहा है, खासकर जब राज्य में चुनाव नजदीक हैं।

निष्कर्ष

राम रहीम की पैरोल की नई मांग ने एक बार फिर विवाद को जन्म दिया है। चुनाव आयोग का निर्णय इस मामले में महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि आदर्श आचार संहिता के चलते इस तरह के फैसलों पर खासा ध्यान दिया जाता है। अब देखना होगा कि क्या राम रहीम एक बार फिर पैरोल पर रिहा होते हैं या इस बार उनकी मांग को खारिज कर दिया जाता है।