Haryana Election 2024:रेलवे ने मंजूर किया विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया इस्तीफा

12:50 PM Sep 09, 2024 | zoomnews.in

Haryana Election 2024 : भारतीय रेलवे ने सोमवार को पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का इस्तीफा मंजूर कर लिया, जिससे दोनों खिलाड़ियों के कांग्रेस में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया। यह कदम शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल होने से पहले दोनों द्वारा रेलवे में अपनी नौकरियों से इस्तीफा देने के बाद उठाया गया। इस फैसले ने दोनों को राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की राह में आने वाले संभावित अड़चनों को दूर कर दिया है। कांग्रेस में शामिल होते ही पार्टी ने विनेश फोगाट को हरियाणा के जुलाना विधानसभा क्षेत्र से टिकट दे दिया, जबकि बजरंग पूनिया को पार्टी के किसान विंग में एक प्रमुख भूमिका सौंपी गई।


विनेश फोगाट के लिए बड़ी राहत

विनेश फोगाट के इस्तीफे को मंजूरी मिलने से उनके चुनाव में उतरने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। अगर उनका इस्तीफा मंजूर न होता, तो उनके चुनावी दंगल में उतरने पर संकट उत्पन्न हो सकता था। भारतीय कानून के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी पद पर आसीन है और चुनाव लड़ने की इच्छा रखता है, तो उसे पहले अपने पद से इस्तीफा देना होता है और संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करना पड़ता है। यह एनओसी चुनाव के नामांकन पत्र के साथ जमा करना अनिवार्य है, ताकि रिटर्निंग ऑफिसर उनके आवेदन को स्वीकार कर सके।


हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही है, और नामांकन की अंतिम तिथि 12 सितंबर है। ऐसे में, विनेश फोगाट का इस्तीफा मंजूर होना उनके लिए सही समय पर राहत लेकर आया है। यह निर्णय उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार कर देता है, जिसमें उनकी दावेदारी अब पूरी तरह से पक्की हो गई है।


कांग्रेस ने विनेश फोगाट को जुलाना से टिकट दिया

विनेश फोगाट को कांग्रेस ने हरियाणा की जुलाना सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। यह सीट उनकी ससुराल से संबंधित है, और कांग्रेस को इस सीट पर लंबे समय से जीत का इंतजार है। कांग्रेस को यहां आखिरी बार 2005 में जीत मिली थी, और तब से पार्टी इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही है। विनेश फोगाट की लोकप्रियता और उनके खेल में दिए गए योगदान को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। उनकी छवि और स्थानीय समर्थन को पार्टी के पक्ष में उपयोग करने की कोशिश की जा रही है।


जुलाना सीट से मौजूदा विधायक जननायक जनता पार्टी (JJP) के अमरजीत ढांडा हैं, जो 2019 के विधानसभा चुनाव में जीते थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार परमिंदर सिंह ढुल को 24,193 वोटों के अंतर से हराया था। ढांडा को 61,942 वोट मिले थे, जबकि परमिंदर सिंह ढुल ने 37,749 वोट प्राप्त किए थे। ऐसे में विनेश फोगाट के सामने एक कठिन चुनौती होगी, क्योंकि जेजेपी की पकड़ इस क्षेत्र में मजबूत है। लेकिन, कांग्रेस को उम्मीद है कि विनेश फोगाट की व्यक्तिगत लोकप्रियता और स्थानीय समर्थन से यह मुकाबला रोचक और कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।


बजरंग पूनिया का किसान विंग में महत्वपूर्ण योगदान

बजरंग पूनिया, जो विनेश फोगाट की तरह ही एक प्रसिद्ध पहलवान हैं, ने भी रेलवे की नौकरी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थामा। कांग्रेस ने उन्हें अपने किसान विंग में शामिल किया है, जहां उनका अनुभव और ग्रामीण जनता के बीच उनकी छवि पार्टी को मजबूती दे सकती है। बजरंग पूनिया ने अपने खेल करियर में देश को गौरव दिलाया है और अब वे किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के मुद्दों को उठाने में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।


हरियाणा की राजनीति में किसान मुद्दों का विशेष महत्व है, और बजरंग पूनिया का कांग्रेस के किसान विंग में शामिल होना पार्टी के लिए एक बड़ा लाभ साबित हो सकता है। उनके किसान पृष्ठभूमि और ग्रामीण इलाकों में उनकी लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस ने उन्हें इस क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका दी है।


हरियाणा विधानसभा चुनाव में नई दिशा

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जैसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को शामिल करना एक महत्वपूर्ण रणनीति मानी जा रही है। जहां एक ओर विनेश फोगाट का राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश कांग्रेस के लिए जुलाना सीट पर जीत का नया रास्ता खोल सकता है, वहीं बजरंग पूनिया की लोकप्रियता किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में सहायक हो सकती है।


हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, और ऐसे में कांग्रेस के इन निर्णयों ने राज्य की राजनीति में एक नई दिशा दी है। विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जैसे प्रतिष्ठित खिलाड़ी अब न केवल खेल के मैदान में बल्कि राजनीति के अखाड़े में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।


यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस की यह रणनीति आगामी चुनावों में कितनी सफल होती है। क्या विनेश फोगाट की लोकप्रियता और बजरंग पूनिया का किसान मुद्दों पर ध्यान कांग्रेस के लिए वोटों में तब्दील होगा, या फिर यह दांव पार्टी के लिए एक जोखिम भरा कदम साबित होगा। लेकिन इतना तो तय है कि इन दोनों खिलाड़ियों का राजनीति में प्रवेश हरियाणा चुनाव को और भी दिलचस्प बना देगा।