India-Russia Relation: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' पहल की जमकर सराहना की है। उन्होंने इसे एक स्थिर और प्रगतिशील भारत की नींव बताया। पुतिन ने मॉस्को में आयोजित 15वें वीटीबी निवेश मंच को संबोधित करते हुए भारत में स्थिरता और निवेश-अनुकूल नीतियों के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की। साथ ही, उन्होंने भारत में रूसी विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने की पेशकश भी की।
पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और रूस की आर्थिक नीतियों में समानता है। रूस का आयात प्रतिस्थापन कार्यक्रम, जो पश्चिमी बाजारों के विकल्प के रूप में नए रूसी ब्रांड्स को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल से काफी मिलता-जुलता है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी का 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम हमारे आयात प्रतिस्थापन नीति जैसा ही है। यह पहल भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।"
भारत में रूसी निवेश की बढ़ती संभावनाएं
पुतिन ने भारत को स्थिरता का प्रतीक बताते हुए कहा कि पीएम मोदी की "देश प्रथम" नीति ने निवेशकों के लिए भारत को एक आकर्षक गंतव्य बनाया है। उन्होंने कहा, "आज भारत में स्थिरता इसलिए है क्योंकि भारतीय नेतृत्व अपने हितों को प्राथमिकता देता है। हमारा मानना है कि भारत में निवेश लाभदायक है।"
रूसी राष्ट्रपति ने यह भी घोषणा की कि रूस भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए तैयार है। रॉसनेफ्ट, रूस की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी, पहले ही भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश कर चुकी है। यह निवेश रूस और भारत के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी को दर्शाता है।
ब्रिक्स सहयोग को दी मजबूती
पुतिन ने छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) के विकास को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने ब्रिक्स के सदस्यों को आगामी ब्राजील शिखर सम्मेलन में प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करने के लिए प्रेरित किया, ताकि आर्थिक साझेदारी को और बढ़ावा मिल सके।
पुतिन का मोदी की नेतृत्व शैली को समर्थन
यह पहली बार नहीं है जब पुतिन ने पीएम मोदी की प्रशंसा की है। भारत की नीतियों और पीएम मोदी के नेतृत्व को लेकर पुतिन पहले भी सकारात्मक टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश को आर्थिक स्थिरता प्रदान की है।
रूस के इस रुख से यह स्पष्ट है कि भारत और रूस के बीच आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी नई ऊंचाइयों को छू रही है। यह सहयोग न केवल दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को सुदृढ़ करेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर एक नई ताकत के रूप में उभरने में भी मददगार होगा।