India-Pakistan News: पाकिस्तान की नापाक हरकतों और झूठे बयानों की वजह से उसकी वैश्विक स्तर पर आलोचना होती रही है। इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत ने पाकिस्तान को उसकी गलतियों का कड़ा जवाब दिया। भारतीय राजनयिक भाविका मंगलानंदन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा कश्मीर मुद्दे पर दिए गए बयानों की जमकर आलोचना की और पाकिस्तान को सच्चाई का आईना दिखाया।
क्या है पूरा मामला?
शनिवार को UNGA में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर मुद्दे पर बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत पर गंभीर आरोप लगाए। इस पर भारतीय राजनयिक भाविका मंगलानंदन ने पाकिस्तान की दोहरी नीति और पाखंड पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद और हिंसा फैलाने वाला देश करार देते हुए कहा कि यह ‘अपने सबसे खराब रूप में पाखंड’ है।
भाविका मंगलानंदन की कड़ी प्रतिक्रिया
मंगलानंदन ने अपने बयान में कहा कि एक ऐसा देश, जो खुद सेना द्वारा नियंत्रित होता है और जिसकी पहचान अंतरराष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद और मादक पदार्थों के व्यापार से जुड़ी है, वह ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र’ भारत पर आरोप लगाने की हिम्मत कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करता आ रहा है।
मंगलानंदन ने पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ किए गए आतंकवादी हमलों की लंबी सूची का जिक्र करते हुए कहा, "यह हास्यास्पद है कि पाकिस्तान जैसे देश को हिंसा के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है। उसने हमारी संसद, मुंबई, बाजारों और तीर्थस्थलों पर हमले किए हैं।"
लोकतंत्र पर पाकिस्तान के पाखंड का खुलासा
भाविका मंगलानंदन ने शहबाज शरीफ के बयानों पर निशाना साधते हुए पाकिस्तान के लोकतंत्र के पाखंड को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि "एक ऐसा देश, जिसका चुनावी इतिहास धांधली और सैनिक हस्तक्षेप से भरा हुआ है, वह लोकतंत्र और राजनीतिक विकल्पों पर बात करने की हिम्मत कैसे कर सकता है?" पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और सेना की पकड़ का जिक्र करते हुए उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बयानों को खोखला बताया।
कश्मीर पर पाकिस्तान की नीयत का पर्दाफाश
मंगलानंदन ने पाकिस्तान की असली मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि "पाकिस्तान भारत के अविभाज्य और अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर पर लालच करता है। वह वहां चुनावों को बाधित करने के लिए आतंकवाद का समर्थन करता रहा है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं हो सकता और पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के गंभीर परिणाम होंगे।
पाकिस्तान की दोहरी नीति और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार
भाविका मंगलानंदन ने पाकिस्तान की दोहरी नीति पर भी हमला बोला और 1971 के बांग्लादेश नरसंहार और वहां के अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "यह हास्यास्पद है कि जो देश अपने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करता है, वह असहिष्णुता और भय के बारे में बात करने की हिम्मत कर रहा है।"
मंगलानंदन ने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान ने लंबे समय तक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शरण दी थी। उन्होंने कहा कि "पाकिस्तान की उंगलियों के निशान दुनियाभर में कई आतंकवादी घटनाओं पर हैं। उसकी नीतियां कई समाजों के अवशेषों को अपने घर बनाने के लिए आकर्षित करती हैं। ऐसे में उनके प्रधानमंत्री का इस मंच से भाषण देना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।"
दुनियाभर में चर्चा का विषय
भाविका मंगलानंदन की कड़ी और सटीक प्रतिक्रिया ने दुनियाभर में चर्चा पैदा कर दी है। भारतीय नागरिक इस पर गर्व महसूस कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर उनका समर्थन करते हुए उन्हें भारत की ताकत और सच्चाई का प्रतीक बता रहे हैं। मंगलानंदन के बयानों ने पाकिस्तान की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर फिर से उजागर कर दिया है।
निष्कर्ष
भाविका मंगलानंदन की UNGA में पाकिस्तान को दिया गया जवाब न केवल भारतीय दृष्टिकोण को मजबूती से पेश करता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि पाकिस्तान का आतंकवाद का समर्थन और उसके पाखंड को विश्व समुदाय आसानी से नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान के झूठे बयानों का माकूल जवाब देगा और सच्चाई को सबके सामने लाएगा।