Gandhi Jayanti 2024:महात्मा गांधी को पीएम मोदी ने किया नमन, राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की

09:07 AM Oct 02, 2024 | zoomnews.in

Gandhi Jayanti 2024: आज देशभर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राजधानी दिल्ली स्थित राजघाट पर उन्हें नमन किया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "सभी देशवासियों की ओर से पूज्य बापू को उनकी जयंती पर नमन। सत्य, सद्भाव और समानता पर आधारित उनका जीवन और आदर्श देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणापुंज बना रहेगा।"

सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन

महात्मा गांधी की 154वीं जयंती के अवसर पर राजघाट पर सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। यह आयोजन गांधीजी के सार्वभौमिक मूल्यों को दर्शाता है, जो सत्य और अहिंसा पर आधारित थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था और वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक थे।

महात्मा गांधी ने अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों के माध्यम से ब्रिटिश हुकूमत से भारत को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पूरी दुनिया को यह सिखाया कि कैसे अहिंसा के रास्ते पर चलकर भी बड़े से बड़े संघर्ष को हल किया जा सकता है। उनके इन्हीं विचारों को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को "अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस" के रूप में मान्यता दी है, जो आज भी वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है।

लाल बहादुर शास्त्री को भी किया गया नमन

महात्मा गांधी की जयंती के साथ ही भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शास्त्री जी को नमन करते हुए कहा, "देश के जवान, किसान और स्वाभिमान के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि।" पीएम मोदी ने विजय घाट पर जाकर शास्त्री जी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां उनका समाधि स्थल स्थित है।

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। शास्त्री जी की सादगी, विनम्रता और कर्मठता को लोग आज भी याद करते हैं। उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय देशवासियों में आत्मविश्वास जगाते हुए "जय जवान, जय किसान" का नारा दिया, जिसने देश के सैनिकों और किसानों को प्रेरित किया।

महात्मा गांधी और शास्त्री जी की विरासत

महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री दोनों ही भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। गांधीजी ने भारत को आजादी दिलाने में अहिंसा और सत्याग्रह का मार्ग दिखाया, जबकि शास्त्री जी ने अपने नेतृत्व से देश को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया। आज इन दोनों महान नेताओं की जयंती पर पूरा देश उनके योगदान को याद कर रहा है और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प ले रहा है।

गांधीजी का अहिंसा और सत्य का मार्ग और शास्त्री जी का "जय जवान, जय किसान" का नारा, दोनों ही आज के दौर में भी प्रासंगिक हैं। इनकी विरासत हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी और हमें एक बेहतर समाज की दिशा में प्रेरित करती रहेगी।