Ram Navami: रामनवमी के अवसर पर आज अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का सूर्य तिलक किया गया। यह अद्भुत अवसर था। दर्पण और लेंस से युक्त एक विस्तृत सिस्टम के द्वारा यह प्रक्रिया संपन्न कराई गई। इस सिस्टम के द्वारा सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक तक पहुंची। रामनवमी के मौके पर श्रद्धालुओं को यह अद्बभुत दृश्य देखने को मिला। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अद्भुत क्षण के वीडियो के टैब के माध्यम से देखा। यह वीडियो देखकर वे श्रद्धा से भावविभोर नजर आए।
अद्भुत क्षण का गवाह बनने की अपील
दरअसल, आज प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार के सिलसिले में असम के नलबारी में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में लोगों से इस अद्भुत क्षण का गवाह बनने की अपील भी की। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान मोबाइल की फ्लैश लाइट जलवाई और जय श्रीराम के नारे लगवाए। पीएम मोदी ने कहा कि लोग इस अद्भुत क्षण के साक्षी बनें। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेलिकॉप्टर में बैठकर पूरी श्रद्धा के साथ 'सूर्य तिलक' के वीडियो को टैब पर देखा।
हेलिकॉप्टर में जूता उतारकर देखा वीडियो
इस वीडियो को देखने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जूते उतार दिए और पूरी श्रद्धा के साथ सूर्य तिलक के अद्भुत पल के साक्षी बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान हृदय पर हाथ रखकर और शीश झुकाकर भगवान राम को नमन करते भी नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इससे जुड़ा एक पोस्ट शेयर किया। उन्होंने लिखा- नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा।
#Watch | PM Modi watches the Surya Tilak on Ram Lalla streamed live today
— DD News (@DDNewslive) April 17, 2024
‘Like crores of Indians, this is a very emotional moment for me. The grand Ram Navami in Ayodhya is historic. May this Surya Tilak bring energy to our lives and may it inspire our nation to scale new… pic.twitter.com/JxOmZufcsy
हर साल रामनवमी पर किया जाएगा सूर्य तिलक
बता दें कि सूर्य तिलक लगभग चार-पांच मिनट के लिए किया गया। यह वह घड़ी थी जब सूर्य की किरणें सीधे राम लला की मूर्ति के माथे पर केंद्रित थीं। मंदिर प्रशासन ने भीड़भाड़ से बचने के लिए सूर्य तिलक के समय भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश करने से रोक दिया था। सूर्य तिलक परियोजना का मूल उद्देश्य रामनवमी के दिन श्री राम की मूर्ति के मस्तक पर एक तिलक लगाना है। हर साल चैत्र माह में श्री रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी से तिलक किया जाएगा । हर साल इस दिन आकाश पर सूर्य की स्थिति बदलती है।