PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के गुरुग्राम में करीब 1 लाख करोड़ की 114 सड़क प्रोजेक्ट का शिलान्यास और लोकार्पण किया है. इस दौरान उन्होंने पिछली सरकारों पर हमला बोला है. पीएम ने कहा कि पहले की सरकारें छोटी सी कोई योजना बनाकर, छोटा सा कोई कार्यक्रम करके उसकी डुगडुगी पांच साल तक पीटते रहते थे. वहीं, बीजेपी सरकार जिस रफ्तार से काम कर रही है, उसमें शिलान्यास व लोकार्पण के लिए समय और दिन कम पड़ रहे हैं. यही नहीं, पीएम ने आमजन से दिन में मोबाइल की फ्लैश की लाइट जलवा दी, जिससे कार्यक्रम का नजारा बदल गया.
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज मुझे द्वारका एक्सप्रेस-वे देश को समर्पित करने का अवसर मिला है. इस प्रोजेक्ट पर 9,000 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. आज से दिल्ली और हरियाणा के बीच परिवहन का अनुभव हमेशा के लिए बदल जाएगा. ये आधुनिक एक्सप्रेसवे न सिर्फ गाड़ियों में, बल्कि दिल्ली-NCR के लोगों की जिंदगी में भी ‘गियर शिफ्ट’ करेगा.
आज का भारत प्रगति की रफ्तार से कोई समझौता नहीं कर सकता- पीएम
उन्होंने कहा कि 2024 के अभी तीन महीने भी पूरे नहीं हुए हैं और इतने कम समय में 10 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण हो चुका है. ये सिर्फ वो प्रोजेक्ट्स हैं, जिसमें मैं खुद शामिल हुआ हूं. इसके अलावा मेरे मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों ने भी विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जहां द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण हुआ है, एक समय था, जब शाम ढलने के बाद लोग इधर आने से बचते थे. टैक्सी ड्राइवर भी मना कर देते थे कि इधर नहीं आना है. इस पूरे इलाके को असुरक्षित समझा जाता था, लेकिन आज कई बड़ी कंपनियां यहां आकर अपने प्रोजेक्ट लगा रही हैं. ये इलाका NCR के सबसे तेजी से विकसित हो रहे इलाकों में शामिल हो रहा है. 21वीं सदी का भारत बड़े विजन का भारत है. ये बड़े लक्ष्यों का भारत है. आज का भारत प्रगति की रफ्तार से कोई समझौता नहीं कर सकता.
मैं 2047 तक ‘विकसित भारत’ देखना चाहता हूं- पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में ‘विकसित हरियाणा’ लगातार ‘विकसित भारत’ के निर्माण के सपने को साकार करने में मदद कर रहा है. 21वीं सदी का भारत बड़ी सोच वाला भारत है, बड़े लक्ष्यों का भारत है. आज का भारत प्रगति की गति से समझौता नहीं कर सकता. आप सभी मुझे अच्छी तरह से जानते और समझते हैं. मैं छोटा नहीं सोच सकता, न ही मैं छोटे सपने देखता हूं, न ही मैं छोटे संकल्प लेता हूं. मैं जो भी चाहता हूं, वह बड़ा चाहता हूं. मुझे जो भी चाहिए, तेज गति से चाहिए. मैं 2047 तक अपने देश को ‘विकसित भारत’ के रूप में देखना चाहता हूं. आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए, जी-जान से जुड़ना है.