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Pakistan-China Relation:पाकिस्तान और फंसेगा कर्ज के जाल में! इस देश से मांगे 2 अरब डॉलर

Pakistan-China Relation: पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव है मगर वहां की केयरटेकर सरकार शांति से चुनाव कराने के बजाय दूसरी चिंताओं में घिरी है. इसमे सबसे अहम है देश की आर्थिक बदहाली और उससे निकालने के लिए जरूरी उपाय की तलाश. इसी कड़ी में पाकिस्तानी सरकार

Pakistan-China Relation: आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने चीन का दरवाजा खटखटाया है. पाकिस्तान की फिलहाल सबसे बड़ी तकलीफ नकदी की कमी से जूझना है. इसी के मद्देनजर पाकिस्तानी हुकूमत ने शी जिनपिंग की सरकार से 2 अरब डॉलर के कर्ज की मांग की है. चीन पाकिस्तान का करीबी सहयोगी है और दोनों एक दूसरे की दोस्ती की कसमें खाते रहते हैं. पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर फिलहाल अनवार उल हक काकड़ काम कर रहे हैं.

काकड़ ने ही एक पत्र लिखकर चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग से कहा है कि वह जल्द से जल्द यह कर्ज जारी करे. पाकिस्तान की सरकार ने चीन का शुक्रिया अदा किया है क्योंकि चीनी सरकार समय-समय पर अरबों डॉलर की मदद के जरिये पाकिस्तान को आर्थिक बदहाली से उबारती रही है. चीन की ओर से जारी किये गए 4 बिलियन डॉलर के कर्ज का इस्तेमाल पाकिस्तान कर्ज की किस्त चुकाने और अपने विदेशी मुद्र भंडार को स्थिर करने के लिए कर रहा है.

UAE, सऊदी अरब, IMF का कर्ज

इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब भी पाकिस्तान की मदद कर्ज के ही जरिये कर चुके हैं. सऊदी अरब ने तो 5 अरब डॉलर की रकम को पाकिस्तान के स्टेट बैंक में कर्ज के तौर पर जमा कराया ताकि वह दिवालिया न हो जाए. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ की सहायता की भी पाकिस्तान को जरूरत पड़ेगी. ऐसे में, पाकिस्तान की अंतरिम सरकार नेआईएमएफ से अनुरोध किया है कि वह अपने मिशन को बातचीत के लिए भेजे. इस्लामाबाद को आईएमएफ से 1.2 बिलियन अमरीकी डालर के कर्ज की उम्मीद है.

पाकिस्तान पर कुल कर्ज कितना?

पाकिस्तान आर्थिक तौर पर कंगाली के हाल में है. अगर आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक और चीन, यूएई जैसे देश अपने कर्ज को मांग लें या फिर मदद करना बंद कर दें तो पाकिस्तान बिना एक पल गंवाए दिवालिया हो सकता है. 2023 के एक डेटा के मुताबिक पाकिस्तान पर करीब 125 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज है. इस पूरी रकम का करीब एक-तिहाई हिस्सा पाकिस्तान ने चीन से ले रखा है. अब अगर चीन और किसी कर्ज को मंजूरी देता है तो जाहिर सी बात है इससे पाकिस्तान पर कर्ज का दबाव और बढ़ेगा.

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