Rajya Sabha: राज्यसभा के 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में 11 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो चुकी है. बीजेपी ने 10 और कांग्रेस ने एक कैंडिडेट उतारे हैं. एक सीट अजित पवार की पार्टी के लिए छोड़ दी गई है. महाराष्ट्र में अजित की पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन में है. राज्यसभा में अब तक जिन उम्मीदवारों की घोषणा हुई है, उनमें वकालत से राजनीति में आए नेताओं को खूब तरजीह मिली है. मौजूद आंकड़ों के मुताबिक इस बार हर 3 में से एक उम्मीदवार लॉयर है. कांग्रेस ने एक और बीजेपी ने 3 वकील को राज्यसभा के लिए नामित किया है.
राज्यसभा में वकीलों को तरजीह क्यों?
1. अभिषेक मनु सिंघवी-
तेलंगाना की एक सीट के लिए कांग्रेस ने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को नामित किया है. सिंघवी पहले भी राज्यसभा के सदस्य रहे हैं. 2024 के मार्च में कांग्रेस ने सिंघवी को हिमाचल से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया था, लेकिन सिंघवी यह चुनाव हार गए थे.
सिंघवी कांग्रेस और पार्टी के बड़े नेताओं का लीगल केस देखते हैं. उन्हें लीगल कमेटी का चेयरमैन भी बनाया गया है. सिंघवी कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए अभी हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे हैं. यह मामला जमीन घोटाला से जुड़ा है. सिंघवी नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के भी वकील हैं.
कहा जाता है कि पार्टी के लिए सिंघवी मुफ्त में पैरवी करते हैं. यही वजह है कि हर बार राज्यसभा के चुनाव में पार्टी सिंघवी का ख्याल रखती है.
2. मनन कुमार मिश्रा-
बार काउंसिल के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा को भारतीय जनता पार्टी ने बिहार से राज्यसभा के लिए नामित किया है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया संसद की ओर से गठित एक वैधानिक निकाय है, जो में वकीलों का प्रतिनिधित्व करता है. मनन मिश्रा बिहार के बगहा के रहने वाले हैं. मिश्रा बगहा से लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे, लेकिन यह सीट इस बार जेडीयू के खाते में चली गई.
सूत्रों के मुताबिक मिश्रा को राज्यसभा भेजे जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह न्याय संहिता का मामला है. भारत सरकार ने जब भारतीय दंड संहिता के बदले भारतीय न्याय संहिता लागू करने का फैसला किया, तो वकील इसके विरोध में आ गए थे.
कहा जा रहा है कि तब सरकार ने मिश्रा से संपर्क साधा और मनन मिश्रा ने इस विरोध को शांत कराने में बड़ी भूमिका निभाई और इसी का इनाम उन्हें मिला है.
3. जॉर्ज कुरियन-
बीजेपी ने मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन को राज्यसभा के लिए नामित किया है. अभी केंद्र में मंत्री कुरियन सुप्रीम कोर्ट के वकील भी हैं. वकालत से राजनीति में आए कुरियन बीजेपी में दक्षिण का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्हें संगठन का नेता माना जाता है. कुरियन बड़े नेताओं के भाषणों का अनुवाद करने के लिए भी जाने जाते हैं.
मिशन-केरल के तहत बीजेपी ने मोदी 3.0 में कुरियन को शामिल किया. अब उनकी इस कुर्सी को बचाए रखने के लिए राज्यसभा भेजा जाना जरूरी थी, इसलिए बीजेपी ने उन्हें मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा है.
4. धैर्यशील मोहन पाटिल-
भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र से धैर्यशील मोहन पाटिल को राज्यसभा के लिए नामित किया है. पाटिल भी वकालत से राजनीति में आए हैं. रायगढ़ के रहने वाले पाटिल पहले खुद की किसान एवं श्रमिक पार्टी चलाते थे. 2014 में इस पार्टी से वे रायगढ़ के पेन सीट से विधायक भी चुने गए थे.
मार्च 2023 में पाटिल ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. पाटिल के जरिए बीजेपी पश्चिम महाराष्ट्र में अपने गढ़ को मजबूत करना चाहती है. रायगढ़ में भी बीजेपी पाटिल के जरिए अपना विस्तार करना चाहती है. यहां की 6 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के पास सिर्फ एक सीट है.
ये मशहूर वकील पहले से राज्यसभा में
राज्यसभा में छत्तीसगढ़ से मशहूर वकील केटीएस तुलसी, तमिलनाडु से पी विल्सन और पी चिदंबरम, यूपी से कपिल सिब्बल, राजस्थान से रणदीप सुरजेवाला और मध्य प्रदेश से विवेक तन्खा सांसद हैं.
सभी सांसद विपक्ष की तरफ से ही राज्यसभा में गए हैं. बीजेपी की तरफ से पहले महेश जेठमलानी और सुब्रमण्यम स्वामी राज्यसभा में थे. हालांकि, दोनों को राष्ट्रपति ने मनोनीत किया था.