Ratan Tata News:झारखंड में टाटा के निधन पर एक दिन का राजकीय शोक, सीएम सोरेन ने किया ऐलान

08:30 AM Oct 10, 2024 | zoomnews.in

टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन और भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार थे। उनके निधन पर न केवल टाटा ग्रुप, बल्कि पूरे देश में शोक की लहर है। महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने रतन टाटा के सम्मान में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।


झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का शोक संदेश

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन और पद्म विभूषण रतन टाटा जी के निधन पर एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की गई है।" रतन टाटा का जीवन और काम झारखंड जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण था, जहां टाटा समूह का विशाल औद्योगिक आधार है।


टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन का बयान

टाटा संस के वर्तमान चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने रतन टाटा के निधन की पुष्टि करते हुए गहरे दुख के साथ कहा, "हम रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं, जो हमारे समूह और देश दोनों के लिए एक असाधारण नेता थे। उनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह, बल्कि पूरे राष्ट्र को आकार दिया है।" चंद्रशेखरन ने उन्हें एक मित्र और मार्गदर्शक बताया, जिनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने वैश्विक स्तर पर बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर अपने संदेश में कहा, "रतन टाटा जी न केवल एक दूरदर्शी कारोबारी नेता थे, बल्कि एक असाधारण व्यक्ति भी थे। उन्होंने बड़े सपने देखे और समाज को कुछ देने का जुनून उनके व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा था।" पीएम मोदी ने उनके द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता और पशु कल्याण जैसे सामाजिक मुद्दों को आगे बढ़ाने की सराहना की।


उद्योग जगत में शोक की लहर

उद्योगपति हर्ष गोयनका ने भी रतन टाटा के निधन पर गहरा दुख जताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "रतन टाटा भारतीय उद्योग जगत के एक 'टाइटन' थे, जिन्होंने अपने कार्यों से न केवल टाटा समूह को आगे बढ़ाया, बल्कि पूरे देश को गर्व का अनुभव कराया।" टाटा का जीवन भारतीय उद्योग जगत के लिए प्रेरणास्त्रोत बना रहेगा।

रतन टाटा का अंतिम बयान

रतन टाटा ने अपने अंतिम दिनों में सार्वजनिक रूप से कहा था कि उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने बताया था कि वे उम्र संबंधी बीमारियों के लिए जांच करवा रहे हैं, लेकिन वे ठीक हैं। उनका यह बयान उनके विनम्र और आशावादी स्वभाव का प्रतीक था, जो अंत तक लोगों के प्रति सकारात्मकता बनाए रखने का संदेश देता है।

एक युग का अंत

रतन टाटा का निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए एक युग के अंत का प्रतीक है। उन्होंने न केवल टाटा समूह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया, बल्कि अपने परोपकार के कार्यों से देश के सामाजिक-आर्थिक ढांचे में अमूल्य योगदान दिया। उनकी सरलता, दूरदर्शिता और सेवा भाव ने उन्हें न केवल उद्योग जगत, बल्कि पूरे देश में एक प्रिय व्यक्तित्व बनाया।

रतन टाटा के जाने से एक ऐसा खालीपन आया है जिसे भर पाना मुश्किल होगा। उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेते हुए, देश उन्हें हमेशा याद करेगा।