Sanjay Singh News: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। विवाद का केंद्र है मुख्यमंत्री आवास (सीएम हाउस), जिसे बीजेपी 'शीशमहल' करार दे रही है और वहां सोने के टॉयलेट सीट और अन्य लक्जरी सुविधाओं का दावा कर रही है।
बीजेपी के आरोप और आप का पलटवार
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास में सोने के बने टॉयलेट सीट और मिनी बार जैसी सुविधाएं हैं। बीजेपी ने सीएम हाउस में "गोल्ड प्लेटेड टॉयलेट सीट" के गायब होने की बात भी कही। जवाब में, आप ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे बीजेपी का झूठा प्रचार बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास को भी जनता के सामने पेश करने की मांग की।
सीएम हाउस पर आप नेताओं का धरना
बुधवार को आप सांसद संजय सिंह और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज सीएम हाउस पहुंचे। उनका कहना था कि वे मीडिया के साथ जाकर बीजेपी के आरोपों की सच्चाई जनता के सामने लाना चाहते हैं। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उन्हें आवास के अंदर जाने से रोक दिया। इसके विरोध में आप नेताओं ने सीएम हाउस के बाहर धरना दिया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा, “हमें सीएम हाउस के अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। यह बीजेपी की साजिश को उजागर करता है। दिल्ली का चुनाव अब सरकारी आवास के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है।”
पीएम हाउस पर भी उठे सवाल
आप नेताओं ने प्रधानमंत्री आवास को भी जनता के सामने लाने की मांग की। संजय सिंह ने कहा कि अगर सीएम हाउस में टैक्स पेयर का पैसा बर्बाद हो रहा है तो पीएम हाउस भी इससे अलग नहीं है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री आवास 2700 करोड़ रुपये की लागत से बना है और इसे भी सार्वजनिक रूप से दिखाया जाना चाहिए।
'बीजेपी का झूठ उजागर'
संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “बीजेपी दावा कर रही थी कि सीएम हाउस में आलीशान स्विमिंग पूल, मिनी बार और सोने के टॉयलेट हैं। हम मीडिया के साथ यह सब ढूंढने गए थे, लेकिन हमें जाने से ही रोक दिया गया। अब हम प्रधानमंत्री के 'राजमहल' को देखने जा रहे हैं।”
'प्रधानमंत्री का राजमहल'
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “हम पीएम के आवास पर जाकर उनके 5 हजार सूट, 6700 जूते, 200 करोड़ रुपये का हीरे जड़ा झूमर, और 300 करोड़ की कालीन देखने जाएंगे। यह सब जनता के टैक्स से बना है और इसे छिपाया नहीं जा सकता।”
चुनावी राजनीति में आवास बना केंद्रबिंदु
चुनावों से पहले यह मुद्दा अब सियासी बहस का अहम हिस्सा बन गया है। जहां बीजेपी आप पर जनता के पैसे की बर्बादी का आरोप लगा रही है, वहीं आप बीजेपी के दावों को झूठा बताते हुए पीएम मोदी के खर्चों पर सवाल खड़े कर रही है।
क्या जनता के सामने आएगा सच?
यह जुबानी जंग दिल्ली चुनाव में क्या असर डालेगी, यह देखना बाकी है। हालांकि, इस मुद्दे ने एक बार फिर सत्ताधारी दलों के खर्च और उनकी पारदर्शिता पर बहस छेड़ दी है। क्या जनता को असलियत दिखाई जाएगी, या यह सिर्फ सियासी हथकंडा बनकर रह जाएगा? वक्त इसका जवाब देगा।