Mahendra Singh Dhoni: महेंद्र सिंह धोनी, जो भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और चेन्नई सुपर किंग्स के प्रमुख खिलाड़ी हैं, को हाल ही में झारखंड हाई कोर्ट की ओर से नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस उन्हें 12 नवंबर को प्राप्त हुआ, जिसमें कोर्ट ने उन्हें धोखाधड़ी के मामले में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। यह मामला धोनी द्वारा अपने पूर्व बिजनेस साझेदार मिहिर दिवाकर और सौम्या दास के खिलाफ दर्ज किया गया है, जो उनके करीबी सहयोगी और आरका स्पोर्ट्स एंड मैनेजमेंट लिमिटेड में निवेशक भी हैं।
धोखाधड़ी के आरोप: 15 करोड़ का मामला
धोनी ने जनवरी 2024 में रांची के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अपने दो पूर्व साझेदारों मिहिर और सौम्या के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। आरोप के अनुसार, मिहिर दिवाकर और सौम्या दास ने धोनी के नाम का दुरुपयोग करते हुए 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। धोनी का आरोप है कि उनके नाम का गलत फायदा उठाते हुए इन दोनों ने आर्थिक लाभ अर्जित किया है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा और वित्तीय नुकसान हुआ है।
मिहिर-सौम्या की याचिका पर सुनवाई
मिहिर दिवाकर और सौम्या दास ने धोनी की इस शिकायत को चुनौती देते हुए झारखंड हाई कोर्ट का रुख किया और इस मामले में राहत की मांग की। उनकी दायर याचिका पर 12 नवंबर को न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने धोनी को नोटिस जारी करते हुए उन्हें मामले में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि धोनी को अपना पक्ष रखने के लिए कौन-सी तारीख निर्धारित की गई है।
धोनी की अगली रणनीति पर नजर
यह मामला अब सार्वजनिक ध्यान का केंद्र बन गया है, क्योंकि मिहिर और सौम्या सिर्फ धोनी के बिजनेस पार्टनर ही नहीं, बल्कि उनके व्यक्तिगत मित्र भी रहे हैं। धोनी के निर्णय का असर न केवल उनकी छवि बल्कि उनके भविष्य के व्यावसायिक संबंधों पर भी पड़ सकता है। इस केस में उनकी कानूनी टीम किस तरह से इस मामले को संभालती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
IPL 2025 में धोनी का वापसी का इंतजार
इसी बीच, क्रिकेट प्रशंसकों के लिए खुशखबरी है कि महेंद्र सिंह धोनी IPL 2025 के सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए फिर मैदान पर नजर आ सकते हैं। सीएसके ने उन्हें आगामी सीजन के लिए 4 करोड़ रुपये में रिटेन किया है, जिससे उनके फैंस के बीच उत्साह है कि धोनी एक बार फिर पीली जर्सी में दिखेंगे।
यह मामला जहां एक ओर धोनी के लिए निजी और व्यावसायिक चुनौतियां खड़ी कर रहा है, वहीं दूसरी ओर यह दर्शाता है कि प्रतिष्ठित हस्तियों के नाम का दुरुपयोग किस तरह से किया जा सकता है। आगामी सुनवाई में अदालत का निर्णय और धोनी का पक्ष इस मामले की दिशा को तय करेंगे।