North-South Korea:उत्तर कोरिया ने की GPS से छेड़छाड़, दक्षिण कोरिया के विमानों के पंख हवा में ही थम गए

05:48 PM Nov 09, 2024 | zoomnews.in

North-South Korea: उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच जारी तनाव अब एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। दक्षिण कोरिया ने आरोप लगाया है कि उत्तर कोरिया ने उसकी हवाई उड़ानों में बाधा डालने के लिए जीपीएस संकेतों के साथ छेड़छाड़ की है। दक्षिण कोरियाई ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अनुसार, यह एक प्रकार का साइबर हमला है, जिसमें उत्तरी कोरिया की सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों से जीपीएस संकेतों को बाधित किया।

इस घटना के कारण शनिवार को दक्षिण कोरिया की सीमाओं के पास दर्जनों विमान और जहाजों का संचालन प्रभावित हुआ। यह लगातार दूसरा दिन था जब दक्षिण कोरियाई विमानन प्रणाली में व्यवधान उत्पन्न हुआ।

किम जोंग का इलेक्ट्रॉनिक और मनोवैज्ञानिक युद्ध

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने हाल के वर्षों में अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। अब यह हस्तक्षेप न केवल सैन्य संघर्षों में सीमित है, बल्कि मनोवैज्ञानिक और साइबर युद्ध तक फैल गया है। हाल ही में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया विरोधी पत्रक और अन्य प्रचार सामग्री को गुब्बारों के माध्यम से दक्षिण कोरियाई सीमा में फेंका, जिससे तनाव और भी बढ़ गया।

विमान संचालन में रुकावट

दक्षिण कोरियाई ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के मुताबिक, शुक्रवार और शनिवार को सीमावर्ती शहर केसोंग और हेजू के आसपास जीपीएस में बाधा उत्पन्न करने के लिए उत्तर कोरिया की गतिविधियों का पता चला। इस वजह से पश्चिमी सीमा के पास उड़ान भरने वाले कई विमानों और जहाजों को सतर्क किया गया। हालांकि, दक्षिण कोरिया की सेना ने इस हस्तक्षेप की तकनीकी जानकारी साझा नहीं की कि किस प्रकार से और किस स्तर तक जीपीएस संकेतों में छेड़छाड़ की गई।

दक्षिण कोरिया की कड़ी चेतावनी

दक्षिण कोरियाई ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक सख्त बयान जारी कर उत्तर कोरिया को चेतावनी दी है कि वह इस तरह के उकसाने वाले साइबर हमले बंद करे। बयान में कहा गया, "हम उत्तर कोरिया को आगाह करते हैं कि वह जीपीएस में छेड़छाड़ जैसी उकसावे वाली गतिविधियों से बचे। इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और इसके लिए उत्तर कोरिया पूरी तरह जवाबदेह होगा।"

यह मामला दोनों देशों के बीच लगातार बढ़ते तनाव को दर्शाता है और इस प्रकार के साइबर हमले से क्षेत्रीय शांति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।