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Reserve Bank Of India:आरबीआई से मिलेगा नई सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपए का तोहफा

Reserve Bank Of India: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को सरप्लस के रूप में 2,10,874 करोड़ रुपए के ट्रांसफर को मंजूरी दी. चालू वित्त वर्ष के बजट में सरकार ने आरबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए की लाभांश आय

Reserve Bank Of India: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपए के डिविडेंड पेमेंट को बुधवार को मंजूरी दे दी. यह केंद्रीय बैंक की ओर से अबतक का सर्वाधिक डिविडेंड होगा. यह एक साल पहले की तुलना में दोगुने से भी अधिक है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आरबीआई ने 87,416 करोड़ रुपए का लाभांश सरकार को दिया था. पिछला उच्चतम स्तर वित्त वर्ष 2018-19 में रहा था जब रिजर्व बैंक ने सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपए का लाभांश दिया था.

इतने डिविडेंड को मंजूरी

गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आयोजित आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की 608वीं बैठक में लाभांश भुगतान का निर्णय लिया गया. रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को सरप्लस के रूप में 2,10,874 करोड़ रुपए के ट्रांसफर को मंजूरी दी. चालू वित्त वर्ष के बजट में सरकार ने आरबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए की लाभांश आय का अनुमान जताया था.

सरकार को मिलेगी काफी मदद

अनुमान से अधिक लाभांश मिलने से सरकार को राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपने व्यय एवं राजस्व के बीच अंतर यानी राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.1 फीसदी पर सीमित रखने का लक्ष्य रखा हुआ है. आरबीआई के निदेशक मंडल ने वृद्धि परिदृश्य से जुड़े जोखिमों और वैश्विक एवं घरेलू आर्थिक परिदृश्य की भी समीक्षा की. इसके अलावा बैठक में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान रिजर्व बैंक के कामकाज पर चर्चा की गई और पिछले वित्त वर्ष के लिए इसकी वार्षिक रिपोर्ट एवं वित्तीय विवरण को मंजूरी दी गई.

6 फीसदी किया गया था सीआरबी

आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 से 2021-22 के बीच व्यापक आर्थिक स्थितियों और कोविड-19 महामारी के प्रकोप को देखते हुए आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) को 5.50 फीसदी पर बनाए रखने का निर्णय लिया गया था. इससे वृद्धि एवं समग्र आर्थिक गतिविधि का समर्थन मिलने की उम्मीद थी.

आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि में पुनरुद्धार होने पर सीआरबी को बढ़ाकर 6 फीसदी किया गया था. अर्थव्यवस्था में मजबूती और जुझारूपन बने रहने से निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सीआरबी को बढ़ाकर 6.50 फीसदी करने का फैसला किया है.

आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देय लाभांश राशि के बारे में निर्णय अगस्त, 2019 में अपनाए गए आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) के आधार पर लिया गया है. बिमल जालान की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने ईसीएफ की अनुशंसा की थी. समिति ने कहा था कि सीआरबी के तहत जोखिम प्रावधान को आरबीआई के बही-खाते के 6.5 से 5.5 फीसदी के दायरे में रखा जाना चाहिए.

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