Sam Pitroda News: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष और भारत के टेलीकॉम क्रांति के प्रमुख चेहरों में से एक, सैम पित्रोदा ने हाल ही में खुद पर साइबर हमले का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि उनके सर्वर, लैपटॉप और स्मार्टफोन को बार-बार हैक किया गया और छेड़छाड़ की गई।
क्रिप्टोकरेंसी में फिरौती की मांग
सैम पित्रोदा ने खुलासा किया कि हैकरों ने उनसे क्रिप्टोकरेंसी में हजारों डॉलर की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने धमकी दी है कि अगर भुगतान नहीं किया गया तो वे उनके नेटवर्क में जुड़े लोगों से संपर्क करके उनकी छवि को धूमिल करेंगे और गलत सूचना फैलाने का प्रयास करेंगे।
सावधानी बरतने की अपील
पित्रोदा ने जनता और अपने संपर्कों से आग्रह किया कि वे किसी भी अज्ञात ईमेल, मोबाइल नंबर, या मैसेज को न खोलें, और न ही किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करें। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे मैसेज में मैलवेयर हो सकते हैं, जो डिवाइस की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं।
डिजिटल सुरक्षा उपायों की योजना
उन्होंने कहा कि वह वर्तमान में यात्रा पर हैं, लेकिन शिकागो लौटने पर वह इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करेंगे। इसमें पुराने हार्डवेयर को बदलना, सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करना और अपनी डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत बनाना शामिल होगा।
सैम पित्रोदा: एक बहुमुखी व्यक्तित्व
सैम पित्रोदा न केवल इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, बल्कि एक प्रतिष्ठित बिजनेसमैन और टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ भी हैं। वह यूपीए सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार रहे हैं।
1984 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के आमंत्रण पर, उन्होंने टेलीकॉम क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए सी-डॉट (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स) की स्थापना की थी। उनकी इस पहल ने भारत में दूरसंचार को आम जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
साइबर सुरक्षा पर चिंतन की आवश्यकता
पित्रोदा का यह अनुभव बताता है कि साइबर हमले केवल आम नागरिकों तक सीमित नहीं हैं। बड़े तकनीकी विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी इससे अछूती नहीं हैं। डिजिटल युग में, जब व्यक्तिगत और पेशेवर जानकारी पूरी तरह से ऑनलाइन मौजूद होती है, तब साइबर सुरक्षा पर ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
पिछले विवादित बयान
पित्रोदा अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। उन्होंने पिछले साल एक बयान में कहा था कि भारत में लोग मंदिरों पर बात करते हैं लेकिन बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान नहीं देते। उनके इस बयान ने सियासी हलकों में तीखी प्रतिक्रिया उत्पन्न की थी।
निष्कर्ष
सैम पित्रोदा पर साइबर हमले का दावा डिजिटल सुरक्षा के प्रति बढ़ती चिंताओं को रेखांकित करता है। यह घटना एक चेतावनी है कि व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्तर पर, साइबर सुरक्षा को मजबूत करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। पित्रोदा के अनुभव से न केवल टेक्नोलॉजी उपयोगकर्ताओं बल्कि सरकारों और संगठनों को भी सबक लेने की आवश्यकता है।