Maharashtra Election:वर्ली से आदित्य ठाकरे के खिलाफ सांसद मिलिंद देवड़ा लड़ सकते हैं चुनाव

05:32 PM Oct 25, 2024 | zoomnews.in

Maharashtra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियां जोरों पर हैं, और सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों की घोषणाएं कर रहे हैं। इस बार मुंबई की वर्ली सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। शिवसेना के बागी गुट, एकनाथ शिंदे की शिवसेना, ने संकेत दिए हैं कि वे इस सीट पर आदित्य ठाकरे के खिलाफ राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतार सकते हैं। वर्तमान में वर्ली सीट से उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे विधायक हैं, और यह सीट शिवसेना यूबीटी का गढ़ मानी जाती है।

मिलिंद देवड़ा का चुनावी संकेत

मिलिंद देवड़ा ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में वर्ली सीट से चुनाव लड़ने के संकेत दिए। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, "मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का मानना है कि वर्ली और वर्लीकरों के लिए न्याय में बहुत देर हो चुकी है। हम साथ मिलकर आगे का मार्ग तैयार कर रहे हैं और जल्द ही इस बारे में अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे। अब वर्ली की बारी है!" देवड़ा की इस पोस्ट से अंदेशा लगाया जा रहा है कि वे जल्द ही वर्ली से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करेंगे।

सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को शिवसेना महायुति के उम्मीदवारों की दूसरी सूची में मिलिंद देवड़ा का नाम शामिल हो सकता है। शिंदे शिवसेना महायुति में लगभग 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का लक्ष्य रख रही है, और वर्ली सीट इस बार प्रमुख मुकाबलों में शामिल होगी।

कांग्रेस से शिवसेना तक: देवड़ा का बदलता राजनीतिक रुख

गुरुवार को इंडिया टीवी के चुनाव मंच में शामिल होकर मिलिंद देवड़ा ने अपने विचार साझा किए। देवड़ा ने कांग्रेस पार्टी को "अतीत" बताते हुए कहा कि यह पार्टी अपने सेंट्रिस्ट एजेंडे से भटक चुकी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और मुंबई में एकनाथ शिंदे सभी को साथ लेकर चलते हैं, और उनके कार्यशैली से प्रभावित होकर ही उन्होंने शिवसेना का दामन थामा है। देवड़ा ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की नेतृत्व क्षमता की सराहना की।

वर्ली सीट पर रोमांचक टक्कर की उम्मीद

इस चुनावी परिदृश्य में, वर्ली सीट पर आदित्य ठाकरे और मिलिंद देवड़ा का संभावित मुकाबला पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन चुका है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना अपने मजबूत गठबंधन और नए नेतृत्व के बल पर इस सीट पर जीत हासिल करने का प्रयास करेगी, वहीं आदित्य ठाकरे के पास अपने पारंपरिक वोट बैंक और क्षेत्र में स्थापित पहचान का समर्थन है।

वर्ली सीट का यह मुकाबला सिर्फ शिवसेना यूबीटी और शिंदे गुट के बीच ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के राजनीतिक संतुलन के भविष्य का भी एक संकेत माना जा रहा है।