Haryana Election 2024: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के टिकट बंटवारे के बाद से पार्टी में अजब सा सन्नाटा छा गया है। टिकट बंटवारे के परिणामस्वरूप पार्टी के भीतर बढ़ती असंतोष की लहर अब खुलकर सामने आने लगी है। कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है, और इस्तीफों का दौर जारी है। इस लेख में हम इस स्थिति का विश्लेषण करेंगे और समझेंगे कि कैसे ये घटनाक्रम बीजेपी की चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकते हैं।
कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का इस्तीफा
बीजेपी के टिकट बंटवारे के बाद सबसे महत्वपूर्ण घटना कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का इस्तीफा है। रणजीत सिंह चौटाला, जो रानियां विधानसभा क्षेत्र से टिकट की उम्मीद कर रहे थे, टिकट कटने से गहरे निराश हुए हैं। उनका कहना है कि वह हर हाल में रानियां विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे, भले ही उन्हें बीजेपी का समर्थन प्राप्त न हो। उन्होंने पार्टी द्वारा डबवाली से चुनाव लड़ने का ऑफर ठुकरा दिया है और अब स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में या किसी अन्य पार्टी से चुनाव मैदान में उतरने की बात कर रहे हैं। उनका निर्णय बीजेपी के भीतर असंतोष की गहराई को दर्शाता है।
इस्तीफों की बाढ़
बीजेपी के भीतर इस्तीफों की बाढ़ आई हुई है। रतिया सीट से बीजेपी विधायक लक्ष्मण नापा ने पार्टी से अलविदा ले लिया है। टिकट कटने के कारण उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। रतिया से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को टिकट मिलने के बाद उनकी नाराजगी और भी गहराई से सामने आई है।
हिसार जिले के भाजपा सचिव महामण्डलेश्वर दर्शन गिरी महाराज ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और जिम्मेदारियों से भी अलविदा ले लिया है।
हरियाणा भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इंद्री विधानसभा से टिकट कटने पर पार्टी पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है।
टिकट बंटवारे का प्रभाव
बीजेपी द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने के बाद, पार्टी के भीतर असंतोष की स्थिति और भी स्पष्ट हो गई है। इस लिस्ट में 67 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं, जिनमें से 9 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी, सांसद किरण चौधरी की बेटी, और कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य को टिकट मिला है। इसके अलावा, इस लिस्ट में 8 महिलाओं को टिकट मिला है, और 17 विधायकों तथा 8 मंत्रियों को पुनः टिकट दिया गया है, जबकि दो मंत्रियों के टिकट काटे गए हैं।
निष्कर्ष
बीजेपी के टिकट बंटवारे ने हरियाणा में राजनीतिक भूचाल ला दिया है। पार्टी के भीतर असंतोष की यह लहर न केवल वर्तमान स्थिति को चुनौती देती है बल्कि भविष्य की रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकती है। इस स्थिति का सामना करने और इसे संभालने के लिए बीजेपी को अपने भीतर के संघर्षों को सुलझाने की आवश्यकता होगी ताकि पार्टी की एकता बनी रहे और चुनावी समर में मजबूती से मुकाबला किया जा सके।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में बीजेपी इन इस्तीफों और नाराजगी के परिणामस्वरूप अपनी रणनीति में क्या बदलाव करती है और क्या पार्टी को अपने नए उम्मीदवारों के चयन में सफलता मिलती है या नहीं।