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Union Budget 2024:दिल्ली को लखनऊ ने नाराज कर दिया, इसलिए बजट से यूपी गायब... अखिलेश का तंज

Union Budget 2024: विपक्ष सरकार के आम बजट का विरोध कर रहा है. वे भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं. विपक्षी सांसदों ने कहा कि ये बजट जनता के लिए नहीं है, सरकार बचाने के लिए है. इस बीच, बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन

Union Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में पेश किया. आज यानी बुधवार से संसद में बजट पर चर्चा है. संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि लखनऊ ने दिल्ली को नाराज कर दिया. बजट से उत्तर प्रदेश गायब है.

विपक्ष के प्रदर्शन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, हम सभी मांग कर रहे थे कि किसानों को एमएसपी मिलना चाहिए, लेकिन समर्थन मूल्य किसानों के बजाय उन गठबंधन सहयोगियों को दिया जाता है जो अपनी सरकार बचा रहे हैं.

अखिलेश यादव ने और क्या कहा?

अखिलेश यादव ने आगे कहा, सरकार महंगाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी. उत्तर प्रदेश को कुछ नहीं मिला. डबल इंजन सरकार से यूपी को डबल फायदा मिलना चाहिए था. मुझे लगता है कि लखनऊ की जनता ने दिल्ली की जनता को नाराज कर दिया है. डबल इंजन सरकार का क्या फायदा.

दरअसल, इस बार के लिए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को निराशा मिली है. वह 33 सीट ही जीतने में सफल हो पाई. वहीं, सपा के खाते में 37 सीटें आईं. यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के कारण ही अखिलेश ने कहा कि लखनऊ ने दिल्ली को नाराज कर दिया, जिसकी वजह से यूपी बजट से गायब रहा.

सरकार के खिलाफ नारेबाजी

संसद के बाहर प्रदर्शन में विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि यह बजट जनविरोधी है. उन्होंने कहा, किसी को न्याय नहीं मिला है. बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा तो मिला नहीं.

यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी दल बजट पर चर्चा में भाग लेंगे तो खरगे ने कहा, हम प्रदर्शन करेंगे. फिर देखते हैं. खरगे के आवास पर मंगलवार शाम इंडिया गठबंधन के घटक दलों के सदन के नेताओं की बैठक में इस मुद्दे को लेकर संसद के बाहर और भीतर विरोध जताने का फैसला किया गया था. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसी मुद्दे को लेकर मंगलवार को कहा था कि 27 जुलाई को नीति आयोग की होने वाली बैठक का कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बहिष्कार करेंगे.

उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति इस सरकार का रवैया पूरी तरह से अनैतिक है. इससे पहले द्रविड़ मुनेत्र कषगम(द्रमुक) के अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के.स्टालिन ने भी नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की थी.

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