UP Politics: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में सात उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है, जिनमें से कुछ सीटों पर कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है। प्रमुख रूप से, करहल सीट पर सैफई परिवार के सदस्य के खिलाफ भाजपा ने मुलायम सिंह यादव के दामाद अनुजेश यादव को टिकट दिया है, जिससे इस सीट पर सियासी सरगर्मी और बढ़ गई है।
बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची
बीजेपी की घोषित सूची के अनुसार, कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद सदर से संजीव शर्मा, और खैर से सुरेंद्र दिलेर को चुनावी मैदान में उतारा गया है। गाजियाबाद और खैर बीजेपी के मजबूत गढ़ माने जाते हैं, जहां पार्टी का खासा प्रभाव है। इन क्षेत्रों में बीजेपी के उम्मीदवारों को एक बार फिर से जीत की उम्मीद है।
फूलपुर सीट से दीपक पटेल, कटेहरी से धर्मराज निषाद, और मझवां से सुचिस्मिता मौर्या को भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। इन उम्मीदवारों को लेकर बीजेपी ने विभिन्न जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए संतुलित चुनावी रणनीति अपनाई है।
करहल सीट पर दिलचस्प मुकाबला
करहल सीट पर अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई थी। इस बार बीजेपी ने यहां अनुजेश यादव को उतारा है, जो मुलायम सिंह यादव के दामाद और सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई हैं। यहां पर अनुजेश का मुकाबला सपा के तेज प्रताप यादव से होगा, जो मुलायम सिंह यादव के पौत्र हैं। इस दिलचस्प मुकाबले के कारण करहल सीट सियासी हलकों में खास चर्चा का विषय बन गई है।
भाजपा द्वारा सैफई परिवार के सदस्य को उम्मीदवार बनाए जाने से करहल में चुनाव और भी अधिक रोचक हो गया है। अनुजेश यादव की पत्नी संध्या यादव पहले मैनपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं, जबकि अनुजेश फिरोजाबाद से जिला पंचायत सदस्य रहे हैं। इस सीट पर परिवार के बीच सीधा टकराव होने से यह मुकाबला अन्य सीटों की तुलना में कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।
सियासी हलचल
बीजेपी की इस सूची के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। करहल जैसी महत्वपूर्ण सीट पर भाजपा की रणनीति को लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। अनुजेश यादव का नाम सामने आने के बाद यह भी साफ हो गया है कि बीजेपी ने सैफई परिवार को कड़ी चुनौती देने की योजना बनाई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा इस चुनावी दांव से सपा के गढ़ में सेंध लगाने में सफल हो पाती है या नहीं।
उपचुनाव का महत्व
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की है, जिनमें से एक सीट मिल्कीपुर (अयोध्या) को छोड़कर बाकी सभी पर चुनाव होने हैं। इन उपचुनावों के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 25 अक्टूबर तय की गई है। 13 नवंबर को मतदान होंगे और 23 नवंबर को वोटों की गिनती की जाएगी। सपा, बसपा, और बीजेपी तीनों ही दलों ने इन चुनावों के लिए कमर कस ली है। कांग्रेस ने इस बार सपा को समर्थन देने का ऐलान किया है।
2022 विधानसभा चुनाव के नतीजे
2022 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर, और कुंदरकी सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी ने फूलपुर, गाजियाबाद, और खैर सीटों पर कब्जा जमाया था। मीरापुर सीट रालोद के पास थी, जबकि मझवां सीट पर निषाद पार्टी ने जीत हासिल की थी। इन सीटों पर उपचुनाव वहां के विधायकों के लोकसभा सांसद चुने जाने या अन्य कारणों से रिक्त हुई हैं, जिनमें सीसामऊ सीट सबसे अलग है। यहां सपा विधायक इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
निष्कर्ष
बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा के साथ उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों की तैयारी पूरी कर ली है। करहल सीट पर सैफई परिवार के बीच सीधा मुकाबला होने से इस चुनाव पर सभी की नजरें टिकी हैं। बीजेपी अपनी स्थिति मजबूत करने और पिछले चुनावों में हारी हुई सीटों पर वापसी करने की कोशिश कर रही है, जबकि सपा और बसपा भी अपनी रणनीतियों के साथ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। उपचुनाव के परिणाम से राज्य की राजनीतिक दिशा को लेकर नए संकेत मिल सकते हैं।
BJP releases a list of candidates for the upcoming Assembly b-elections in Rajasthan and Uttar Pradesh. pic.twitter.com/yGcLhm0FMD
— ANI (@ANI) October 24, 2024