IPL 2025: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 के नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है। अब तक स्लो ओवर रेट के चलते कप्तानों पर लगने वाले बैन को हटाकर बीसीसीआई ने एक नया डिमेरिट पॉइंट सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। यह बदलाव न केवल स्लो ओवर रेट बल्कि पूरे कोड ऑफ कंडक्ट पर लागू होगा, जिसमें खिलाड़ियों के साथ-साथ कोचिंग स्टाफ पर भी कार्रवाई की जा सकेगी।
डिमेरिट पॉइंट सिस्टम कैसे काम करेगा?
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, अब कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन के बदले खिलाड़ियों और टीमों को इंटरनेशनल क्रिकेट की तर्ज पर डिमेरिट पॉइंट दिए जाएंगे। यह पॉइंट 36 महीने (3 साल) तक प्रभावी रहेंगे। यदि किसी खिलाड़ी के खाते में अधिक डिमेरिट पॉइंट जुड़ जाते हैं, तो उसे निलंबन (बैन) की सजा भुगतनी पड़ सकती है।
डिमेरिट पॉइंट मिलने के आधार
बीसीसीआई ने डिमेरिट पॉइंट्स को चार स्तरों (लेवल्स) में विभाजित किया है:
लेवल-1 उल्लंघन:
25% मैच फीस का जुर्माना
1 डिमेरिट पॉइंट
लेवल-2 उल्लंघन:
3 नियमों के उल्लंघन पर 4 डिमेरिट पॉइंट
लेवल-3 उल्लंघन:
5-6 डिमेरिट पॉइंट दिए जाएंगे
लेवल-4 उल्लंघन:
7-8 डिमेरिट पॉइंट मिलेंगे
कितने डिमेरिट पॉइंट पर कितनी सजा?
बीसीसीआई के कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 7.6 के अनुसार:
4-7 डिमेरिट पॉइंट्स: 1 मैच का बैन
8-11 डिमेरिट पॉइंट्स: 2 मैचों का बैन
12-15 डिमेरिट पॉइंट्स: 3 मैचों का बैन
16 या अधिक डिमेरिट पॉइंट्स: 5 मैचों का बैन
नए नियमों से क्या बदलेगा?
बीसीसीआई के इस फैसले का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों और कप्तानों को अधिक अनुशासित बनाना है। आईपीएल के बढ़ते कद और इसकी लोकप्रियता को देखते हुए बीसीसीआई अब लीग में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुशासन सुनिश्चित करना चाहता है। इससे न केवल खेल की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के बीच भी जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी।