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Share Market Down:जापान और चीन ने किया परेशान, भारतीय शेयर बाजार हुआ धड़ाम

Share Market Down: सेंसेक्स और निफ्टी में कारोबारी हफ्ते के पहले दिन जोरदार गिरावट देखी जा रही है. शेयर बाजार की निराशाजनक शुरुआत के पीछे ग्लोबल संकेत जिम्मेदार

Share Market Down: सोमवार को भारतीय घरेलू बाजार में ग्लोबल बाजारों की गिरावट का स्पष्ट असर देखने को मिला है। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार गिरावट आई है, जिससे निवेशकों के बीच निराशा का माहौल बन गया है। शुरुआती कारोबार में बैंक निफ्टी 600 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ खुला, जो बाजार की कमजोरी को दर्शाता है।

सेंसेक्स और निफ्टी की स्थिति

सुबह लगभग 11 बजे, सेंसेक्स 782 अंकों की गिरावट के साथ 84,799.15 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी में भी 250 अंकों से ज्यादा की कमी देखी जा रही थी। पिछले हफ्ते, भारतीय शेयर बाजार ने जोरदार तेजी का अनुभव किया था, जहां सेंसेक्स और निफ्टी ने नए रिकॉर्ड बनाए थे। लेकिन इस हफ्ते की शुरुआत में अचानक आई गिरावट ने निवेशकों को चौंका दिया।

सेंसेक्स ने अपने पिछले बंद 85,571 के मुकाबले 85,208 पर कारोबार शुरू किया और कुछ ही समय में यह 744.99 अंकों की गिरावट के साथ 84,824.86 के स्तर पर आ गया। वहीं, निफ्टी ने भी अपने पिछले बंद 26,178.95 के स्तर से गिरावट लेते हुए 26,061 पर ओपन हुआ और 211.75 अंक टूटकर 25,967.20 के स्तर पर पहुंच गया।


गिरावट के कारण

भारतीय शेयर बाजार में आई यह बड़ी गिरावट पहले से ही संकेत दे रही थी। दरअसल, ग्लोबल संकेतों का प्रभाव स्पष्ट था, खासकर जापान के बाजार में। वहां की स्थिति ने भारतीय बाजार को प्रभावित किया, जहां निककेई इंडेक्स में 1850 अंकों की गिरावट देखी गई। जापान में 4.64% की गिरावट के साथ निककेई 37,980.34 पर ट्रेड कर रहा था, जबकि चीन के शंघाई कंपोजिट में 4.89% की गिरावट आई।

टॉप गेनर और लूजर स्टॉक्स

शुरुआत में, निफ्टी 50 में कुछ शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया, जिनमें हिंदाल्को, एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, और ब्रिटानिया शामिल हैं। दूसरी ओर, हीरो मोटोकॉर्प, टेक महिंद्रा, कोल इंडिया, एमएंडएम, और आईसीआईसीआई बैंक टॉप लूजर स्टॉक्स रहे।

निष्कर्ष

भारतीय शेयर बाजार की यह गिरावट ग्लोबल संकेतों का सीधा परिणाम है, और निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। यदि वैश्विक बाजारों में यह रुझान बना रहता है, तो आने वाले दिनों में भारतीय बाजार पर और दबाव पड़ सकता है। ऐसे समय में, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और दीर्घकालिक निवेश की रणनीति अपनाने की आवश्यकता है।

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