IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया ने पहला मुकाबला जीतकर 1-0 की बढ़त बना ली है। इस जीत में टीम के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने शानदार भूमिका निभाई। उनकी दूसरी पारी की 161 रनों की पारी ने भारत को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया, जिससे टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक विशाल लक्ष्य निर्धारित किया।
जायसवाल न केवल अपनी टीम के लिए अहम साबित हो रहे हैं, बल्कि वह एक बड़ा महारिकॉर्ड तोड़ने के करीब पहुंच चुके हैं। 14 साल बाद, किसी भारतीय बल्लेबाज के पास महान सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को चुनौती देने का मौका है।
जायसवाल के लिए ऐतिहासिक मौका
यशस्वी जायसवाल ने इस साल टेस्ट क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है। उन्होंने अब तक 23 पारियों में 1280 रन बनाए हैं, जिसमें 58.18 का औसत और तीन शतक शामिल हैं। अगर वह अगले तीन टेस्ट मैचों में 263 रन और बना लेते हैं, तो वह एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन जाएंगे।
सचिन तेंदुलकर ने 2010 में 23 पारियों में 1562 रन बनाकर यह रिकॉर्ड बनाया था। सचिन ने उस साल 78.1 के औसत से 7 शतक और 5 अर्धशतक बनाए थे। जायसवाल के पास यह मौका है कि वह इस रिकॉर्ड को अपने नाम कर लें।
भारतीय बल्लेबाजों द्वारा एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा टेस्ट रन
- सचिन तेंदुलकर - 1562 रन (2010)
- वीरेंद्र सहवाग - 1462 रन (2008)
- वीरेंद्र सहवाग - 1422 रन (2010)
- सुनील गावस्कर - 1407 रन (1979)
- सचिन तेंदुलकर - 1392 रन (2002)
- गुंडप्पा विश्वनाथ - 1388 रन (1979)
- राहुल द्रविड़ - 1357 रन (2002)
- विराट कोहली - 1322 रन (2018)
- सुनील गावस्कर - 1310 रन (1983)
- यशस्वी जायसवाल - 1280 रन (2024)
अगले तीन टेस्ट मैचों में बड़ा मौका
जायसवाल को इस साल अभी तीन और टेस्ट मैच खेलने हैं—एडिलेड, गाबा और मेलबर्न में। उनके पास ये सुनहरा मौका होगा कि वह सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भारतीय क्रिकेट में नई ऊंचाइयां हासिल करें।
सचिन का रिकॉर्ड क्यों है खास?
2010 में सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के 37वें वर्ष में यह रिकॉर्ड बनाया था। उनकी तकनीक, स्थिरता और अनुभव ने उन्हें उस साल बेजोड़ बना दिया। जायसवाल के पास अब मौका है कि वह युवा ऊर्जा के साथ इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करें।
क्या जायसवाल कर पाएंगे कमाल?
यशस्वी जायसवाल की मौजूदा फॉर्म और उनके प्रदर्शन को देखते हुए यह कहना मुश्किल नहीं है कि वह सचिन का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। यह न केवल उनके करियर का बल्कि भारतीय क्रिकेट के इतिहास का एक अहम पल होगा। क्रिकेट फैंस को अब उनकी इनिंग्स का बेसब्री से इंतजार है।
निष्कर्ष
यशस्वी जायसवाल का यह सफर भारतीय क्रिकेट में नई कहानी लिखने जैसा है। अगर वह इस महारिकॉर्ड को तोड़ते हैं, तो वह न केवल सचिन की विरासत को चुनौती देंगे, बल्कि खुद को भी एक महान बल्लेबाज के रूप में स्थापित करेंगे। भारतीय टीम के इस उभरते सितारे की ओर दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।