SCO Summit 2024:PAK को उसी की धरती पर जयशंकर ने घेरा, चीन को भी मैसेज

01:39 PM Oct 16, 2024 | zoomnews.in

SCO Summit 2024: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट की मेजबानी इस बार पाकिस्तान कर रहा है, जिसमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिस्सा लिया और पाकिस्तान की सरजमीं से ही उसे कड़ी फटकार लगाई। जयशंकर ने अपने भाषण में आतंकवाद और क्षेत्रीय संप्रभुता के मुद्दों पर पाकिस्तान को घेरते हुए स्पष्ट संदेश दिया। इसके साथ ही, उन्होंने चीन को भी भारत की संप्रभुता के उल्लंघन के मुद्दे पर जमकर सुनाया।

पाकिस्तान पर सीधा हमला

जयशंकर ने पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए कहा कि अगर क्षेत्रीय संबंधों में दरार आई है, या सहयोग में कमी महसूस हो रही है, तो इसके पीछे छिपे कारणों पर गौर करना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि यह वक्त है कि एक ईमानदार और साफ बातचीत की जाए। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं होगा, तब तक शांति और स्थिरता संभव नहीं है।

जयशंकर ने पाकिस्तान-चीन के आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे भारतीय संप्रभुता के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह परियोजना भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करती है, और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।

चीन पर निशाना

चीन की ओर इशारा करते हुए जयशंकर ने कहा कि आपसी सहयोग का आधार आपसी सम्मान और संप्रभु समानता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा किए बिना किसी भी प्रकार की साझेदारी सफल नहीं हो सकती। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि SCO जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर किसी भी देश को अपना एजेंडा नहीं थोपना चाहिए, बल्कि वास्तविक और समान भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वैश्विक मुद्दों, खासकर व्यापार और परिवहन पर सेलेक्टिव रवैया अपनाया गया, तो विकास संभव नहीं होगा।

आतंकवाद और संप्रभुता पर जोर

जयशंकर ने अपने संबोधन की शुरुआत में SCO के चार्टर का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें साफ तौर पर लिखा है कि संगठन का उद्देश्य आपसी विश्वास, दोस्ती और अच्छे पड़ोसी संबंधों को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि SCO के चार्टर में जिन चुनौतियों का उल्लेख किया गया है, वे आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। इनमें आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ प्रमुख हैं, जिनसे निपटने के लिए संगठन प्रतिबद्ध है। जयशंकर ने कहा कि इन चुनौतियों का समाधान तभी संभव है जब सभी सदस्य देश एकजुट होकर काम करें।

कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान-चीन की चाल

SCO समिट से पहले, पाकिस्तान और चीन के प्रधानमंत्रियों के बीच एक बैठक हुई, जिसमें कश्मीर का मुद्दा उठाया गया। इस बैठक के बाद जारी ज्वाइंट स्टेटमेंट में चीन ने कश्मीर मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की बात कही और इसे संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के तहत हल करने का समर्थन किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने इस मुलाकात में क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें पाकिस्तान ने चीन के समर्थन की सराहना की। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी इस समर्थन की तारीफ की और चीन के रुख की प्रशंसा की।

जयशंकर की स्पष्ट कूटनीति

जयशंकर का यह संबोधन अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्पष्ट और दृढ़ कूटनीति को दर्शाता है। उन्होंने पाकिस्तान और चीन दोनों को यह संदेश दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगा। इसके साथ ही, आतंकवाद के मुद्दे पर भी भारत की सख्त नीति का प्रदर्शन किया। इस समिट में जयशंकर ने जिस मजबूती से भारत का पक्ष रखा, वह भारत की कूटनीतिक स्थिति को और मजबूत करने वाला साबित हुआ है।