जयपुर नगर निगम हेरिटेज में निर्दलीय पार्षद कुसुम यादव कार्यवाहक मेयर बन गई हैं। कुसुम यादव का कार्यकाल 2 महीने (60 दिन) का रहेगा। पार्षद चुनाव के वक्त भाजपा ने कुसुम यादव को टिकट नहीं दिया था। इसके बाद कुसुम बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़कर पार्षद का बनी थीं। हालांकि चुनाव जीतने के बाद यादव ने भाजपा को समर्थन दिया था। तब बीजेपी ने उन्हें मेयर पद का उम्मीदवार भी बनाया था।
कुसुम यादव क्यों बनीं मेयर
मुनेश गुर्जर के निलंबन के बाद बीजेपी नगर निगम हेरिटेज में किसी अनुभवी नेता को ही मेयर पद की कमान सौंपना चाहती थी। जो भाजपा की रीति5नीति को समझे। साथ ही नगर निगम की कार्यशैली को भी समझता हो।
कुसुम यादव दूसरी बार पार्षद पद का चुनाव जीत नगर निगम पहुंची हैं। इसके साथ ही वह नगर निगम में समिति अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। ऐसे में उन्हें नगर निगम कार्यशैली और अधिकारियों के साथ काम करने का अच्छा खासा अनुभव है।
कुसुम यादव के पति अजय यादव भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता और नगर निगम में समिति चेयरमैन भी रह चुके हैं। अजय यादव और कुसुम यादव दोनों को पार्टी के साथ नगर निगम में काम करने का लंबा अनुभव है। बीजेपी ने इसी अनुभव को ध्यान में रखते हुए कुसुम यादव को कार्यवाहक मेयर की जिम्मेदारी दी है।
क्या समीकरण उनके पक्ष में थे?
कुसुम यादव वसुंधरा राजे गुट की हैं। बीजेपी जयपुर के विधायक बालमुकुंदाचार्य, गोपाल शर्मा और विधायक उम्मीदवार चंद्र मोहन बटवाड़ा और रवि नैय्यर, पूर्व सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व विधायक अशोक परनामी, सुरेंद्र पारीक कुसुम के समर्थन में थे।
कांग्रेस के 8 पार्षद भाजपा में शामिल
इससे पहले नगर निगम हेरिटेज में कांग्रेस पार्टी के 8 पार्षद बिना शर्त भाजपा में शामिल हो गए थे। निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर की कार्यशैली से परेशान होकर कांग्रेस पार्टी के 12 से ज्यादा पार्षद पिछले 3 महीने से भाजपा के नेताओं के संपर्क में थे।
इनमें सिविल लाइंस, आदर्श नगर और किशनपोल विधानसभा के पार्षद थे। ये लोग मुनेश गुर्जर से प्रताड़ित होकर उन्हें पद से बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे। 21 सितंबर को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से इन पार्षदों की अनौपचारिक मुलाकात हुई थी। इसमें से 8 पार्षदों ने उसी वक्त बीजेपी में आने का फैसला किया। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा को बिना शर्त बीजेपी जॉइन करने का हस्ताक्षर युक्त समर्थन पत्र दिया।
इन पार्षदों ने भाजपा का दामन थामा
मनोज मुद्गल वार्ड 35, उत्तम शर्मा वार्ड 49, ज्योति चौहान वार्ड 46, सुशीला देवी वार्ड 63, अरविंद मेठी वार्ड 71, मोहम्मद जकरिया वार्ड 65, पारस जैन वार्ड 80, संतोष कंवर वार्ड 78 ने भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर बिना शर्त समर्थन पत्र बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दिया है। एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी पार्षद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से संपर्क में हैं। जो जल्द ही भाजपा को अपना समर्थन दे सकते हैं।
'मुनेश गुर्जर के खिलाफ बिना किसी शर्त भारतीय जनता पार्टी को समर्थन'
नगर निगम हेरिटेज पार्षद उत्तम शर्मा ने कहा- भाजपा विकास की राह पर राजस्थान को आगे बढ़ाने में अपना अहम योगदान निभा रही है। इसीलिए हमने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के नेतृत्व में बिना शर्त बीजेपी में आने का फैसला किया है। फिलहाल हम आठ पार्षद हैं। एक दर्जन से ज्यादा पार्षद ऐसे हैं, जो बीजेपी में आना चाहते हैं। जल्द ही वह भी हमारे साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
कांग्रेसी पार्षद ज्योति चौहान ने कहा- राजस्थान की बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा कर सत्ता में आई थी। इस वादे को पूरा कर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की सबसे भ्रष्ट मेयर को बर्खास्त किया है। इसलिए हमने भाजपा में शामिल होकर बिना असर भाजपा को समर्थन देने का वादा किया है।
कांग्रेसी पार्षद अरविंद मेठी ने कहा- मुनेश गुर्जर के भ्रष्टाचार और तानाशाही से सभी पार्षद परेशान हो चुके थे। हमने हमारी पार्टी में भी इस बात को ऊपर तक पहुंचाने की कोशिश की। लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद जब बीजेपी की सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति पर मुनेश के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया। हम सब ने भाजपा के साथ मिल शहर के विकास को आगे बढ़ने का वादा किया है।
पार्षद बोले- मुनेश गुर्जर ने नगर निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया
पार्षद मनोज मुद्गल ने कहा- मुनेश गुर्जर ने नगर निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। जयपुर की जनता को अपने मूलभूत काम के लिए भी रिश्वत देनी पड़ रही थी। जनता द्वारा चुने गए पार्षदों तक की सुनवाई नहीं हो रही थी। ऐसे में हमने मुनेश गुर्जर के खिलाफ बिना किसी शर्त भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है। हम चाहते हैं कि राजस्थान सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर प्रदेश का चौमुखी विकास करें। यही कारण है कि हम सब अब बीजेपी के साथ मिलकर अपने राजनीतिक जीवन को आगे बढ़ाएंगे।
जयपुर नगर निगम हेरिटेज में कुल 100 पार्षद हैं। इनमें 47 पार्षद कांग्रेस, 42 पार्षद बीजेपी और 11 पार्षद निर्दलीय चुनाव जीते थे। इनमें से 9 ने कांग्रेस पार्टी को समर्थन दिया था। दो ने भाजपा को समर्थन दिया था। लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेसी पार्षद नीरज अग्रवाल ने बीजेपी जॉइन कर ली थी। अब मेयर मुनेश गुर्जर को पार्षद पद से भी सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बाद नगर निगम हेरिटेज में कुल पार्षदों की संख्या 99 पहुंच गई है। ऐसे में 50 पार्षदों की संख्या बहुमत के लिए पर्याप्त है। कांग्रेस के 8 पार्षदों के बीजेपी जॉइन करने के बाद भाजपा बहुमत के आंकड़े को पार कर गई है।