Justin Trudeau Resigns: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार शाम को प्रधानमंत्री और पार्टी नेता के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे से पहले देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि वह अगले चुनावों के लिए सही विकल्प नहीं हो सकते। ट्रूडो ने अपनी संबोधन में कहा, "अगर मुझे घर में लड़ाई लड़नी पड़ेगी, तो मैं आने वाले चुनाव में सबसे बेहतर विकल्प नहीं बन पाऊंगा।"
उन्होंने कनाडाई जनता के प्रति अपने समर्पण को दोहराते हुए कहा कि वह हमेशा देश की भलाई के लिए काम करते रहेंगे। ट्रूडो का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब उनकी पार्टी लिबरल्स के भीतर कई महीनों से असंतोष और विभाजन के स्वर उभर रहे थे।
इस्तीफे की वजहें और पार्टी का असंतोष
ट्रूडो पर उनकी पार्टी के सांसदों का इस्तीफा देने का दबाव लंबे समय से बना हुआ था। कई सांसद उनके नेतृत्व से असहमत थे, और कुछ ने सार्वजनिक तौर पर उनके इस्तीफे की मांग भी की थी।
इस बीच, डिप्टी प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी पद से इस्तीफा दे दिया। ट्रूडो द्वारा उन्हें वित्त मंत्रालय से हटाकर अन्य मंत्रालय की जिम्मेदारी देने का प्रस्ताव करने के बाद उन्होंने नाराज होकर इस्तीफा दे दिया। क्रिस्टिया, जो ट्रूडो की सबसे वफादार मंत्रियों में से एक मानी जाती थीं, हाल के दिनों में उनकी नीतियों से असहमति जताने लगी थीं।
लिबरल पार्टी की स्थिति भी कमजोर हो गई है। संसद में 338 सीटों में से लिबरल पार्टी के पास केवल 153 सीटें हैं, जो बहुमत से काफी कम हैं। सहयोगी पार्टी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने समर्थन वापस ले लिया था, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई थी।
कनाडा में बढ़ती नाराजगी और राजनीतिक चुनौतियां
जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ कनाडा की जनता में नाराजगी कई कारणों से बढ़ी है:
- महंगाई: देश में लगातार बढ़ती महंगाई ने जनता को परेशान कर रखा है।
- कट्टरपंथी ताकतों का उभार: कट्टरपंथी गुटों की बढ़ती सक्रियता ने सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों को जन्म दिया है।
- अप्रवासियों की संख्या: अप्रवासन नीति पर जनता और विपक्षी दल असंतोष जता रहे हैं।
- कोविड-19 के बाद की स्थिति: महामारी के बाद बने आर्थिक और सामाजिक हालातों ने ट्रूडो के प्रशासन की लोकप्रियता को प्रभावित किया है।
आने वाले समय में चुनाव और संभावनाएं
ट्रूडो का इस्तीफा और लिबरल पार्टी में बढ़ता असंतोष कनाडा की राजनीति को नई दिशा में ले जा सकता है। देश में 2025 में चुनाव होने थे, लेकिन हालात देखते हुए यह संभावना है कि चुनाव समय से पहले कराए जाएं।
कई सर्वे के अनुसार, अगर अभी चुनाव होते हैं, तो कंजरवेटिव पार्टी को बहुमत मिल सकता है। कनाडा के लोगों का गुस्सा महंगाई और ट्रूडो की नीतियों के प्रति उनकी असंतुष्टि को दर्शाता है।
जस्टिन ट्रूडो की विरासत
जस्टिन ट्रूडो, पूर्व प्रधानमंत्री पियर ट्रूडो के पुत्र, 2013 में लिबरल पार्टी के मुखिया बने थे। उन्होंने 2015 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और एक उदारवादी नेता के रूप में पहचान बनाई। अपने 10 साल के कार्यकाल में उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले लिए और वैश्विक स्तर पर कनाडा की छवि को मजबूती दी।
हालांकि, नेतृत्व में गिरती लोकप्रियता और पार्टी के भीतर असंतोष ने उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके बाद का नेतृत्व कनाडा को किस दिशा में ले जाता है।
निष्कर्ष
जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा कनाडा की राजनीति के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। उनकी लिबरल पार्टी के सामने एक ओर नई नेतृत्व की चुनौती है, तो दूसरी ओर जनता का विश्वास फिर से जीतने की जिम्मेदारी। आगामी चुनाव देश के राजनीतिक भविष्य को आकार देंगे और तय करेंगे कि कनाडा की जनता किसे अपना नया नेता चुनती है।