Israel-Iran War: ईरान द्वारा इजराइल पर किए गए हालिया हमले ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान में इस हमले को इतिहास के सबसे बड़े मिसाइल हमलों में से एक करार दिया है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने इजराइल को खुली धमकी दी थी।
हमले की बारीकियाँ
पिछले मंगलवार को ईरान ने इजराइली सैन्य ठिकानों पर दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। यह हमला अप्रैल के बाद से ईरान का दूसरा सीधा हमला है, जिसने इस बार इजराइल के खिलाफ एक स्पष्ट और मजबूत प्रतिक्रिया की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। नेतन्याहू ने कहा, "कोई भी देश अपने नागरिकों पर इस तरह के हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा, और हम भी ऐसा नहीं करेंगे।"
इजराइल की सुरक्षा प्रतिक्रिया
इजराइल की वॉर कैबिनेट ने ईरान के हमले का जवाब देने के लिए मंजूरी दे दी है। नेतन्याहू का कहना है कि इजराइल का कर्तव्य है कि वह अपनी रक्षा करे और ऐसे हमलों का जवाब दे। अब सिर्फ नेतन्याहू के आदेश का इंतजार है। इजराइल की सेना ईरान पर हमला करने के लिए तैयार है, जो एक संभावित व्यापक संघर्ष को जन्म दे सकता है।
खामेनेई की चेतावनी
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने अपने भाषण में हिजबुल्लाह और हमास की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर इजराइल नहीं रुकता है, तो ईरान फिर से और अधिक ताकत से हमला करेगा। उनका यह बयान इस बात को दर्शाता है कि ईरान अपनी आक्रामकता को बढ़ाने के लिए तैयार है, और इजराइल को इस स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता
नेतन्याहू ने ईरान के हमले को एक व्यापक रणनीति का हिस्सा बताया, जिसमें ईरान अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इजराइल के खिलाफ विभिन्न मोर्चों पर युद्ध बढ़ाना चाहता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे इजराइल के साथ खड़े हों और ईरान की बर्बरता के खिलाफ एकजुट हों।
निष्कर्ष
ईरान के हमले के बाद, इजराइल की प्रतिक्रिया का इंतजार पूरी दुनिया कर रही है। इस स्थिति में संभावित वृद्धि से न केवल मध्य पूर्व में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अस्थिरता आ सकती है। इस समय, सुरक्षा, रणनीति, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है ताकि इस संकट का प्रभावी समाधान निकाला जा सके।