IND vs NZ Test: भारत और न्यूजीलैंड के बीच पुणे में खेले गए टेस्ट मैच में भारतीय टीम को एक बड़ा झटका लगा है। न्यूजीलैंड ने भारतीय बल्लेबाजों की स्पिन के खिलाफ कमजोरी को उजागर करते हुए भारत को 113 रनों से हराया। इस हार के बाद पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने भारतीय टीम को कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है, जो उनके स्पिन खेलने की क्षमता में सुधार कर सकती है।
स्पिन के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी
पुणे टेस्ट में न्यूजीलैंड के स्पिनर मिचेल सैंटनर ने भारतीय बल्लेबाजों को बुरी तरह परेशान किया। उन्होंने पूरे मैच में 13 विकेट लिए, जिससे यह साफ हो गया कि भारतीय बल्लेबाज स्पिन गेंदबाजी के सामने असहाय नजर आए। टेस्ट में पहले ही दिन टीम इंडिया की पूरी बल्लेबाजी 156 रनों पर सिमट गई और दूसरी पारी में 359 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम केवल 245 रन ही बना सकी।
इरफान पठान का सुझाव
इरफान पठान ने इस हार के बाद भारतीय बल्लेबाजों के लिए साइड आर्म प्रैक्टिस छोड़ने की सलाह दी है। उनका मानना है कि इस तकनीक से स्पिन खेलने में सुधार होगा। पठान ने सीनियर खिलाड़ियों, जैसे रोहित शर्मा और विराट कोहली, से जिम्मेदारी उठाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर टीम को सफलता प्राप्त करनी है, तो इन सीनियर खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन में सुधार लाना होगा।
टीम इंडिया का जाल
टीम इंडिया ने पुणे टेस्ट में एक टर्निंग ट्रैक का चुनाव किया, जिससे न्यूजीलैंड को स्पिन के जाल में फंसाने का प्रयास किया गया। लेकिन यह रणनीति खुद भारतीय टीम के खिलाफ ही पड़ गई। लगातार अंतराल पर विकेट गंवाने से टीम का दबाव बढ़ता गया, और मिचेल सैंटनर ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया।
12 साल बाद मिली हार
यह भारत के लिए एक विशेष निराशा का क्षण है, क्योंकि उन्होंने 12 साल बाद अपने घर पर टेस्ट सीरीज गंवाई है। इससे पहले, इंग्लैंड ने 2012-13 के भारत दौरे पर टीम इंडिया को हराया था। यह हार न केवल भारतीय टीम के लिए बल्कि उनके फैंस के लिए भी एक बड़ा झटका है, क्योंकि उन्होंने पिछले 18 सीरीज में लगातार जीत का सिलसिला बनाए रखा था।
निष्कर्ष
न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली इस हार ने भारतीय टीम को आत्ममंथन का अवसर प्रदान किया है। इरफान पठान की सलाह इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्पिन के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तकनीकी सुधार आवश्यक है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय खिलाड़ी और प्रबंधन इस स्थिति का कैसे सामना करते हैं और आगामी मुकाबलों में सुधार के लिए क्या कदम उठाते हैं।