Ismail Haniyeh: हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत पर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. हमास का दावा है कि इजराइल ने ही इस घटना को अंजाम दिया है. कुछ ये भी दावा कर रहे हैं कि ईरान खुद इसमें मिला हुआ है. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि अपने ऊपर लगे दाग को हटाने के लिए ईरान अमेरिका को घसीट रहा है. ईरान के खुफिया मंत्री इस्माइल खातिब ने कहा कि हानिया की मौत के पीछे अमेरिका का हाथ है. US ने जब हरी झंडी दिखाई, उसी के बाद हानिया को मारा गया.
ये बयान एस्माईल खातिब द्वारा हानिया के परिवार, हमास और फिलिस्तीनी लोगों को हत्या के बारे में लिखे गए पत्र में आया है. उन्होंने कहा कि इजरायल द्वारा हानिया की हत्या “अमेरिका की सहमति से हुआ है. वहीं, हत्या के बाद, ईरान के सु्प्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने एक बयान में कहा, देश हमारे अतिथि हानिया के खून का बदला जरूर लेगा. हम अपना कर्तव्य समझते हैं”. उन्होंने इस पूरी घटना के पीछे इजराइल के होने का दावा किया है.
हानिया की मौत पर US का बड़ा दावा
हानिया की मौत पर अमेरिका ने ये दावा किया था उनकी मौत विस्फोट के कारण हुई है. विस्फोटक उपकरण को घटना से दो महीने पहले उस गेस्ट हाउस में छिपाकर रखा गया था जहां हानिया ठहरने वाले थे. अमेरिका ने ये भी दावा किया है कि जब हानिया अपने VVIP भवन पहुंचे तो रिमोट की मदद से ब्लास्ट कर दिया गया.
अफगान-तालिबान के कमांडर ने नया दावा किया है. सवाल उठाया गया है कि तेहरान के बेहद सुरक्षित इलाके में हानिया की हत्या, बिना ईरान की मदद के मुमकिन नहीं है. अफगान-तालिबान ने हत्या करने का आरोप सीधे खामनेई पर लगाया है. दावा ये भी है कि इसमें पाकिस्तान के आर्मी चीफ का हाथ हो सकता है.
अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में बढ़ाई फोर्स
हानिया की हत्या का आरोप इजराइल पर लगाए जाने के बाद इजराइल और ईरान के बीच सीधी जंग होने का खतरा बढ़ गया है. इसी बीच अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने अतिरिक्त लड़ाकू विमानों और नौसेना के युद्धपोतों को तैनात करने का फैसला लिया है. ये जानकारी खुद अमेरिका ने दी है. पेंटागन ने कहा कि वॉशिंग्टन ईरान और उसके सहयोगियों, हमास और हिजबुल्ला के खतरों से खुद को मजबूत करना चाहता है.
अमेरिका के रक्षा सचिव ने मध्य पूर्व और यूरोप में अतिरिक्त नेवी फोर्सिस को भेजने के लिए मंजूरी भी दे दी है. अमेरिका ने ऐसे युद्धपोतों को तैनात करने का फैसला लिया है जो बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही मार गिरा सकते हैं. US ने ये भी कहा कि वो ऐसा इसलिए भी कर रहा है ताकि इजराइल की सुरक्षा और बढ़ सके.