Israel-Iran War: ईरान और इजरायल के बीच तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है, जब ईरान ने मंगलवार रात इजरायल पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ईरान का दावा है कि उसने ये हमले हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के विरोध में किए हैं। इस हमले के बाद तेल अवीव और यरुशलम के पास कई धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। ईरान ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि इजरायल ने किसी प्रकार की कार्रवाई की, तो उसे करारा जवाब मिलेगा।
अमेरिका ने बढ़ाया इजरायल का समर्थन
ईरान के हमले के बाद अमेरिका तुरंत इजरायल की मदद के लिए आगे आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी सेना को तुरंत इजरायल की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया। साथ ही बाइडेन ने ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा, "अमेरिका इजरायल का पूर्ण समर्थन करता है और इस हमले का सख्त जवाब देगा।"
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि ईरान ने लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागकर खतरनाक और अस्थिर कदम उठाया है। हैरिस ने कहा, "ईरान इजरायल के साथ-साथ पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है। हमारी संयुक्त सुरक्षा ने इस हमले को नाकाम कर दिया और कई निर्दोष लोगों की जान बचाई।"
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ईरान के इस हमले पर अन्य देशों की प्रतिक्रिया भी आई है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने सोशल मीडिया पर कहा कि उनका देश इजरायल पर किए गए इस हमले की कड़ी निंदा करता है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी इस हमले को खतरनाक बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल इजरायल के नागरिकों के लिए खतरा नहीं है, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है। ब्रिटेन इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का पूरी तरह समर्थन करता है।
स्पेन के विदेश मंत्री ने भी ईरान के हमले की निंदा की और साथ ही सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, ताकि स्थिति और अधिक न बिगड़े।
निष्कर्ष
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। अमेरिका और अन्य देशों ने इजरायल के प्रति अपना समर्थन जताते हुए ईरान के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। यह घटना मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष की ओर इशारा करती है, जहां वैश्विक शक्तियों का हस्तक्षेप और बढ़ सकता है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस टकराव का क्षेत्रीय और वैश्विक शांति पर क्या प्रभाव पड़ता है।