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Israel-Iran War:ईरान पड़ा इजराइल के सामने कमजोर, गाजा-लेबनान पर लगाई सीजफायर की गुहार

Israel-Iran War: ईरान की सेना ने शनिवार रात सावधानीपूर्वक शब्दों में एक बयान जारी किया, जिसमें गाजा पट्टी में संघर्ष विराम का सुझाव दिया गया. वहीं लेबनान ने

Israel-Iran War: ईरान और इजराइल के बीच तनाव अब अपने चरम पर पहुंच गया है, और दोनों देशों के बीच हालिया हमले इस क्षेत्र में अस्थिरता को और बढ़ा रहे हैं। शनिवार रात ईरान की सेना ने एक बयान जारी किया, जिसमें गाजा पट्टी और लेबनान में संघर्षविराम का सुझाव दिया गया। इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि तेहरान इजराइल के साथ इस ताज़ा संघर्ष को नियंत्रण में रखने के प्रयास कर रहा है, हालांकि उसने इजराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का अधिकार अपने पास सुरक्षित रखा है।

ईरानी सैन्य ठिकानों पर इजराइली हमले का दावा

ईरान का कहना है कि इजराइल ने इराकी हवाई क्षेत्र का उपयोग करते हुए स्टैंड-ऑफ मिसाइलों से हमला किया। यह मिसाइलें इतनी हल्की थीं कि ईरान के तीन प्रांतों में इनका असर दिखाई दिया। इन हमलों में ईरान के सैन्य राडार स्थल क्षतिग्रस्त हो गए, और इसमें काम कर रहे चार सैनिकों की मौत हो गई। ईरान ने इन हमलों में मरने वालों की पुष्टि करते हुए यह जानकारी दी कि वे सभी देश की हवाई रक्षा प्रणाली में कार्यरत थे। सरकारी समाचार एजेंसी ने मरने वालों की जानकारी दी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि ये सैनिक किस क्षेत्र में तैनात थे।

संघर्षविराम का सुझाव, फिर भी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी

ईरान की सेना ने गाजा पट्टी में संघर्षविराम की बात करते हुए लेबनान में इजराइल के खिलाफ किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई का संकेत दिया है। ईरान ने अपने बयान में कहा कि इजराइल के तड़के किए गए हमलों के बाद वह तनाव को और बढ़ाने से बचने के प्रयास कर रहा है। ईरान के इस कदम से स्पष्ट है कि वह सीधे युद्ध में जाने के बजाय मध्य पूर्व में पहले से जारी संघर्ष को सीमित रखना चाहता है। हालांकि, उसने यह भी कहा है कि इजराइल के हमलों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का अधिकार उसके पास सुरक्षित है।

इजराइल और ईरान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि

इस महीने की शुरुआत में ईरान की ओर से इजराइल पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गई थीं। इस हमले के जवाब में इजराइल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए, जोकि इस क्षेत्र में इजराइल का पहला बड़ा खुला हमला था। इजराइल के इस कदम से दोनों देशों के बीच तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है, जिससे न केवल मध्य पूर्व, बल्कि वैश्विक स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है।

क्षेत्रीय स्थिरता के लिए संभावित खतरे

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता तनाव पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र को अस्थिरता की ओर धकेल सकता है। गाजा और लेबनान में संघर्षविराम का ईरान का सुझाव इसी चिंता की ओर इशारा करता है। ईरान के इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि इजराइल का अगला कदम क्या होगा और क्या यह दोनों देश किसी शांतिपूर्ण समाधान की ओर बढ़ सकते हैं।

वैश्विक दृष्टिकोण

ईरान के बयान और इजराइल के हालिया हमलों ने विश्व समुदाय को भी चिंतित कर दिया है। इन घटनाओं के बाद अन्य देशों ने भी मध्य पूर्व में तनाव को कम करने के प्रयासों में तेजी लाने की अपील की है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो अमेरिका और कई यूरोपीय देश इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए मध्यस्थता करने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

इन घटनाओं के बीच यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इजराइल और ईरान के बीच के तनाव को रोकने के लिए कोई ठोस अंतरराष्ट्रीय पहल होती है, या यह क्षेत्रीय संघर्ष वैश्विक स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती बनता है।

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