Israel-Iran War: मध्य पूर्व में ईरान और इजराइल के बीच का तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। भले ही 26 अक्टूबर को इजराइल के हमले का ईरान ने अभी तक जवाब नहीं दिया है, लेकिन दोनों देशों के बीच संघर्ष की आशंका टली नहीं है। हालिया घटनाओं के मद्देनजर, ईरान ने अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए कुछ अहम कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिससे यह साफ हो जाता है कि वह भविष्य के संभावित हमलों के लिए तैयार है।
ईरान का पहला डिफेंसिव-टनल प्रोजेक्ट
ईरान की सुरक्षा तैयारियों का सबसे नया उदाहरण है उसका पहला डिफेंसिव-टनल प्रोजेक्ट। इस परियोजना को देश की राजधानी तेहरान में शुरू किया गया है। ईरानी स्टेट मीडिया के अनुसार, यह टनल राजधानी के केंद्र से इमाम खुमैनी अस्पताल तक अंडरग्राउंड रास्ता प्रदान करेगी। यह टनल युद्ध की स्थिति में एक सुरक्षित मार्ग के रूप में कार्य करेगी, जिसका उपयोग मेडिकल सुविधाओं को सुरक्षित और तेज़ी से उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। तेहरान सिटी काउंसिल के ट्रांसपोर्ट प्रमुख के अनुसार, यह पहली बार है जब राजधानी में किसी टनल को डिफेंसिव एप्लीकेशंस के साथ डिजाइन किया जा रहा है।
ईरान की अंडरग्राउंड शेल्टर और बंकर संरचना
पिछले साल, ईरान ने अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई अंडरग्राउंड शेल्टर और बंकर तैयार किए थे। राज्य मीडिया ने इन संरचनाओं की झलक भी सार्वजनिक की थी। इन अंडरग्राउंड शेल्टरों को खासतौर से एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य हथियारों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था। यह पहला अवसर था जब ईरान ने अपने डिफेंस सिस्टम की ऐसी जानकारी साझा की, जिससे यह जाहिर होता है कि वह किसी भी हमले के लिए तैयार है।
इजराइल के साथ संभावित युद्ध की तैयारी
हाल के महीनों में, ईरान और इजराइल ने कई बार एक-दूसरे के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है। 26 अक्टूबर को इजराइल द्वारा किए गए हमले में ईरान के कुछ महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर हमला किया गया, जिसमें एक नागरिक समेत पांच लोगों की मौत हो गई। इजराइल ने इस हमले को एक अक्टूबर को ईरान द्वारा किए गए हमले का जवाब बताया।
उधर, ईरान ने इजराइली हमले को अपनी संप्रभुता पर हमला करार देते हुए जवाबी हमले की तैयारी शुरू कर दी है। ईरान का कहना है कि वह इजराइल के खिलाफ कार्रवाई करने में देर नहीं करेगा। इजराइल ने भी ईरान को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि ईरान ने फिर से हमला करने का प्रयास किया तो इजराइल उन ठिकानों को निशाना बनाएगा जिन्हें पिछली बार छोड़ दिया गया था।
युद्ध की आशंका और क्षेत्रीय स्थिरता पर असर
विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों के बीच तनाव यदि इसी तरह बढ़ता रहा, तो यह एक बड़े युद्ध में बदल सकता है। दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति सिर्फ इनकी सीमाओं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे मध्य पूर्व में अस्थिरता का कारण बन सकती है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की निगाहें भी इस मामले पर टिकी हुई हैं, और संभव है कि हालात बिगड़ने पर वे भी इसमें दखल दें।
निष्कर्ष
ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव ने पूरे क्षेत्र को एक संवेदनशील मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। ईरान द्वारा डिफेंसिव-टनल जैसी संरचनाओं का निर्माण और अंडरग्राउंड शेल्टरों की व्यवस्था दिखाती है कि वह किसी भी हमले का सामना करने के लिए तैयार है। आने वाले समय में दोनों देशों की रणनीति और उनके कदम यह तय करेंगे कि क्या यह तनाव एक युद्ध में तब्दील होगा या फिर दोनों देश कूटनीति के रास्ते समाधान की ओर बढ़ेंगे।