Iran News: ईरान की सीमा के पास अफगान नागरिकों पर हुए घातक हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने चिंता जताई है और इसकी गहन जांच की मांग की है। यह हमला ईरान के अशांत दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान और बलूचिस्तान में स्थित सरावन के पास हुआ, जहां कथित तौर पर ईरानी सुरक्षा बलों ने अफगान नागरिकों पर गोलीबारी की। इस घटना में कई अफगान नागरिकों के मारे जाने और घायल होने की खबरें हैं, हालांकि ईरान ने इस तरह की किसी भी गोलीबारी की घटना से इनकार किया है।
ईरान-अफगानिस्तान सीमा पर विवाद
घटना के बाद से सीमा पर तनाव बढ़ गया है। सिस्तान और बलूचिस्तान क्षेत्र अफगानिस्तान की तालिबान शासित सीमा से लगा हुआ है, और यह इलाका लंबे समय से संघर्षों और विद्रोहों का केंद्र रहा है। हाल के महीनों में, ईरान में अफगान प्रवासियों के प्रति विरोधी बयानबाजी में तेजी आई है, विशेष रूप से पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों के कारण ईरान की अर्थव्यवस्था पर पड़ते दबाव के बाद।
ईरानी पुलिस प्रमुख ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि अगले छह महीनों में लगभग 20 लाख अफगान प्रवासियों को निर्वासित किया जाएगा। इस घोषणा ने अफगानिस्तान और ईरान के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और भी जटिल बना दिया है।
तालिबान की प्रतिक्रिया और जांच की मांग
तालिबान सरकार ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। उनके मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि अफगान नागरिकों की मौत और घायल होने की अफवाहें फैल रही हैं, लेकिन इस घटना की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि तालिबान सरकार इस मामले की जांच पूरी होने के बाद ही इस पर कोई ठोस कदम उठाएगी।
यूएन की गंभीर चिंता और जांच की अपील
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों पर विशेष दूत रिचर्ड बेनेट ने इस घटना पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अफगान सीमा पर अफगान नागरिकों के खिलाफ हुई कथित हिंसा की जांच की मांग की है और ईरानी अधिकारियों से पारदर्शी जांच करने की अपील की है। रिचर्ड बेनेट ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मैं अत्यधिक चिंतित हूं और अधिकारियों से स्थिति को स्पष्ट करने के लिए पारदर्शी तरीके से जांच करने की अपील करता हूं।”
हलवाश समूह के आरोप
बलूच लोगों की पैरोकारी करने वाले समूह ‘हलवाश’ ने इस हमले की कई रिपोर्टें जारी की हैं। हलवाश ने आरोप लगाया है कि ईरानी सुरक्षा बलों ने गोलीबारी के दौरान आग्नेयास्त्रों और रॉकेटों का इस्तेमाल किया। समूह के अनुसार, इस हमले में दर्जनों लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं।
हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने अब तक इन आरोपों को खारिज किया है और किसी भी तरह की गोलीबारी की घटना से इनकार किया है।
ईरान में अफगान प्रवासियों की स्थिति
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, ईरान में लगभग 38 लाख विस्थापित लोग रहते हैं, जिनमें से अधिकांश अफगान हैं। कई रिपोर्टों का दावा है कि यह संख्या इससे भी अधिक हो सकती है। अफगान प्रवासी ईरान की आर्थिक और सामाजिक संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन आर्थिक समस्याओं और राजनीतिक तनाव के चलते उनकी स्थिति और भी अधिक असुरक्षित हो गई है।
निष्कर्ष
यह हमला अफगानिस्तान और ईरान के बीच पहले से ही जटिल संबंधों को और भी अधिक तनावपूर्ण बना सकता है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से की गई जांच की मांग और अफगान नागरिकों के खिलाफ हुई कथित हिंसा की रिपोर्टें स्थिति की गंभीरता को दर्शाती हैं। इस घटना की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच ही दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने में मददगार हो सकती है।
स्थिति की पूरी स्पष्टता के बाद ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जा सकेगा, लेकिन फिलहाल यह घटना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।