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India Coal Record:एक अरब टन के पार पहुंचा भारत का कोयला उत्पादन, 42,315.7 करोड़ की हुई बचत

09:31 PM Mar 21, 2025 | zoomnews.in

India Coal Record: भारत ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एक अरब टन (1 बिलियन टन) कोयला उत्पादन का आंकड़ा पार कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे देश के लिए गौरव का क्षण बताया और कहा कि यह उपलब्धि भारत की ऊर्जा सुरक्षा तथा आत्मनिर्भरता की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

कोयला उत्पादन का ऐतिहासिक रिकॉर्ड

भारत का कोयला उत्पादन 20 मार्च, 2025 को एक अरब टन को पार कर गया, जो कि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 997.83 मिलियन टन कोयला उत्पादन से 11 दिन पहले की उपलब्धि है। यह रिकॉर्ड प्रदर्शन कोयला क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी कंपनियों, 350 से अधिक कोयला खदानों और लगभग 5 लाख खदान श्रमिकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।

भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का लगभग 55% कोयले पर निर्भर है, और देश की 74% बिजली कोयला आधारित पावर प्लांट्स द्वारा उत्पन्न की जाती है। इस उपलब्धि के साथ ही, भारत के कोयला आयात में भी कमी आई है। अप्रैल से दिसंबर 2024 तक कोयला आयात में 8.4% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे 5.43 बिलियन डॉलर (42,315.7 करोड़ रुपये) की विदेशी मुद्रा की बचत हुई।

प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "चालू वित्त वर्ष में एक अरब टन कोयला उत्पादन भारत के लिए गर्व का क्षण है। यह ऐतिहासिक आंकड़ा पार करना ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक वृद्धि और आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह उपलब्धि इस क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों की कड़ी मेहनत और लगन का प्रमाण है।"

प्रधानमंत्री की इस सराहना के साथ, केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी इस उपलब्धि की घोषणा की और कहा कि यह मील का पत्थर भारत की बढ़ती हुई बिजली मांग को पूरा करेगा, आर्थिक विकास को गति देगा और प्रत्येक नागरिक के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करेगा।

भविष्य की योजनाएं

भारत सरकार कोयला उत्पादन बढ़ाने और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। कोयला मंत्रालय की वित्त वर्ष 2024-25 की कार्ययोजना के अनुसार, इस वर्ष का कुल उत्पादन/उठान लक्ष्य 108 करोड़ टन निर्धारित किया गया है।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ, भारत ने अपनी ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूत किया है और आयात निर्भरता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह कोयला उत्पादन क्षेत्र में भारत की क्षमता को दर्शाता है और आने वाले वर्षों में देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की संभावना को प्रबल करता है।