IND vs AUS: क्रिकेट इतिहास के सबसे प्रतिष्ठित मैदानों में से एक, ब्रिस्बेन का गाबा स्टेडियम, जल्द ही भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इतिहास बन जाएगा। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2023 का तीसरा टेस्ट, जो 14 दिसंबर से गाबा में खेला जाएगा, टीम इंडिया का इस ऐतिहासिक मैदान पर आखिरी मुकाबला साबित होगा। 2021 में भारतीय टीम ने इसी मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, और अब, इस बार का मुकाबला गाबा से विदाई के साथ नई यादें जोड़ने का मौका देगा।
गाबा से विदाई क्यों?
इस बदलाव का कारण 2032 में होने वाले ओलंपिक और पैरालंपिक खेल हैं, जिनके लिए गाबा स्टेडियम का नवीनीकरण किया जाएगा। स्टेडियम को आधुनिक रूप दिया जाएगा और इसे ओलंपिक खेलों के अनुकूल बनाया जाएगा। यह मैदान ओलंपिक 2032 की उद्घाटन और समापन समारोहों का केंद्र होगा। इसके अलावा, ओलंपिक के दौरान यहां कई महत्वपूर्ण खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
नवीनीकरण के लिए 1375 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे स्टेडियम की दर्शक क्षमता 42,000 से बढ़ाकर 50,000 की जाएगी। यह केवल एक क्रिकेट मैदान से आधुनिक बहुउद्देश्यीय स्टेडियम में तब्दील हो जाएगा, जो क्रिकेट इतिहास के इस अध्याय का अंत करेगा।
गाबा और भारतीय क्रिकेट: यादें और इतिहास
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए गाबा का मैदान कई मायनों में खास है। 2021 में, टीम इंडिया ने यहां ऑस्ट्रेलिया को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्णिम पल माना जाता है। चोटिल खिलाड़ियों और युवा टीम के साथ उस जीत ने भारतीय क्रिकेट के जुझारू स्वभाव को दुनिया के सामने रखा।
इस बार, जब भारतीय टीम गाबा पर खेलेगी, तो उसके इरादे दोहराव करने के होंगे—एक और जीत दर्ज कर इस मैदान को गर्व के साथ अलविदा कहने का।
ऑस्ट्रेलिया और गाबा का भविष्य
जहां भारतीय टीम के लिए गाबा का यह अंतिम मुकाबला होगा, वहीं ऑस्ट्रेलिया के लिए यह मैदान 2025-26 की एशेज सीरीज तक जारी रहेगा। इस सीरीज के दौरान गाबा में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा, जो इस मैदान पर क्रिकेट का आखिरी मैच होगा।
क्रिकेट से ओलंपिक तक: गाबा का कायाकल्प
गाबा के बदलाव से क्रिकेट इतिहास का एक अध्याय समाप्त होगा, लेकिन यह मैदान नए खेल इतिहास का हिस्सा बनेगा। ओलंपिक खेलों के लिए तैयार किया जाने वाला यह स्टेडियम भविष्य में खेल की विविधता को दिखाएगा।
नजरें भारतीय टीम पर
गाबा पर भारत का यह आखिरी टेस्ट मैच भारतीय क्रिकेट के लिए न केवल ऐतिहासिक, बल्कि भावनात्मक पल भी होगा। खिलाड़ी और दर्शक दोनों ही इस मैदान को शानदार प्रदर्शन और यादगार जीत के साथ अलविदा कहना चाहेंगे।
यह मुकाबला सिर्फ एक टेस्ट नहीं, बल्कि इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाला एक खास अध्याय है। गाबा का यह अंतिम भारतीय टेस्ट क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा।