IND vs AUS: भारतीय टीम ने सिडनी में खेले जा रहे आखिरी टेस्ट मैच में पहली पारी में मात्र 185 रन बनाए हैं। हालांकि यह स्कोर मामूली लग सकता है, लेकिन टीम इंडिया की हालिया परफॉर्मेंस को देखते हुए इस स्कोर के बावजूद भारतीय टीम की जीत की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता। अगर हम इसी सीरीज के पहले मैच की बात करें तो टीम इंडिया ने उससे भी कम स्कोर पर मैच जीतकर दिखाया था। ऐसे में सिडनी टेस्ट में भी वैसा ही कारनामा दोहराया जा सकता है।
पर्थ टेस्ट में 150 रन बनाकर दर्ज की थी शानदार जीत
पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मुकाबले में भी भारतीय टीम ने जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में 150 रन का ही स्कोर खड़ा किया था। उस मैच में टीम की शुरुआत काफी खराब रही थी और पहली पारी में टीम बड़ा स्कोर नहीं बना पाई थी। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को पूरी तरह से दबाव में ला दिया और कंगारू टीम सिर्फ 104 रन पर ढेर हो गई। इसके बाद भारतीय टीम ने मैच में लीड लेते हुए मुकाबले को अपने पक्ष में कर लिया।
दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली की धमाकेदार बल्लेबाजी
पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। यशस्वी जायसवाल ने 161 रनों की बेहतरीन पारी खेली, वहीं विराट कोहली ने भी 100 रनों की सेंचुरी जड़ी। इन पारियों की बदौलत टीम इंडिया ने 487 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रन बना सकी और भारत ने 295 रनों के भारी अंतर से जीत दर्ज की। यह जीत भारतीय टीम के लिए मनोबल बढ़ाने वाली साबित हुई थी।
सिडनी टेस्ट में शुरुआती सफलता
सिडनी टेस्ट में भारतीय टीम की पहली पारी 185 रनों पर सिमट गई। हालांकि, जसप्रीत बुमराह की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने दिन का खेल खत्म होने से पहले ही ऑस्ट्रेलिया का पहला विकेट गिरा दिया। उस्मान ख्वाजा को बुमराह ने पवेलियन भेजकर टीम इंडिया को शुरुआती सफलता दिलाई। ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक 9 रन पर 1 विकेट खो दिया था। अब भारतीय गेंदबाजों की नजरें दूसरे दिन के खेल में ऑस्ट्रेलियाई टीम को जल्द से जल्द आउट करने पर होंगी।
गेंदबाजों पर होगी बड़ी जिम्मेदारी
भारतीय गेंदबाजों के लिए यह मैच बेहद अहम है। अगर वे ऑस्ट्रेलिया की टीम को पहली पारी में 150 रन से कम के स्कोर पर आउट कर देते हैं, तो भारतीय टीम को एक बार फिर से लीड लेने का मौका मिलेगा। इसके बाद बल्लेबाजों पर जिम्मेदारी होगी कि वे दूसरी पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करें ताकि ऑस्ट्रेलिया के सामने एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा जा सके।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की राह
इस मैच का महत्व सिर्फ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी तक ही सीमित नहीं है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए भी यह मैच भारतीय टीम के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। अगर टीम इंडिया यह मैच जीतने में कामयाब रहती है, तो न केवल वे सीरीज को बराबरी पर खत्म करेंगे, बल्कि डब्ल्यूटीसी फाइनल की उम्मीदें भी मजबूत होंगी।
सिडनी में इतिहास दोहराने की उम्मीद
भारतीय टीम के कप्तान जसप्रीत बुमराह ने पर्थ टेस्ट में दिखा दिया था कि छोटे स्कोर के बावजूद कैसे मुकाबला जीता जा सकता है। अब सिडनी टेस्ट में भी भारतीय फैंस को उनसे वैसी ही उम्मीदें हैं। अगर भारतीय गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को जल्दी पवेलियन लौटाने में कामयाब होते हैं, तो भारतीय टीम के लिए मैच जीतने की राह आसान हो सकती है।
निष्कर्ष
सिडनी टेस्ट का नतीजा दूसरे दिन के खेल पर काफी हद तक निर्भर करेगा। अगर भारतीय टीम दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया को जल्दी आउट कर देती है, तो मैच में टीम इंडिया की वापसी हो सकती है। ऐसे में फैंस को निराश होने की जरूरत नहीं है। भारतीय टीम ने पहले भी साबित किया है कि वे मुश्किल परिस्थितियों में भी जीत हासिल कर सकते हैं। अब देखना यह होगा कि जसप्रीत बुमराह की अगुवाई में भारतीय गेंदबाज क्या कमाल दिखाते हैं और बल्लेबाज दूसरी पारी में कितना बड़ा स्कोर खड़ा कर पाते हैं।