Jharkhand News: झारखंड की राजधानी रांची में हाल ही में इनकम टैक्स विभाग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निजी सलाहकार सुनील श्रीवास्तव और अन्य से जुड़े ठिकानों पर छापा मारा है। इस कार्रवाई ने न केवल स्थानीय बल्कि राज्य भर में एक हड़कंप मचा दिया है। जिस समय राज्य में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, इस तरह की छापेमारी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
चुनावी माहौल में छापेमारी के मायने
झारखंड में विधानसभा चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होने हैं, और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस प्रकार, चुनाव से पहले आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। चुनावी माहौल में ऐसी किसी भी कार्रवाई का सीधा असर मतदाताओं पर हो सकता है, जिससे कि चुनावी गणित पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।
सियासी सुगबुगाहट और आरोप-प्रत्यारोप
झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच यह चुनावी जंग जोरों पर है। छापेमारी के बाद से ही झामुमो के नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया है, जबकि भाजपा का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है और दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।
क्या कहती है जनता?
इस घटनाक्रम से आम जनता के बीच भी चर्चाओं का माहौल है। कुछ लोग इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया कदम मानते हैं, तो वहीं अन्य इसे चुनावी रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी कार्रवाइयां वोटर्स के मनोविज्ञान पर असर डालती हैं और इसका सीधा फायदा विपक्षी पार्टियों को मिल सकता है।
निष्कर्ष
चुनाव के समय पर की गई इनकम टैक्स की इस छापेमारी का झारखंड के चुनावी नतीजों पर क्या असर होगा, यह तो वक्त ही बताएगा, परंतु यह स्पष्ट है कि इस कार्रवाई ने राज्य में चुनावी माहौल को और गरमा दिया है।
#WATCH | Jharkhand: Raid by a central agency underway at the residence of Sunil Srivastava, personal secretary of CM Hemant Soren, in Ranchi
— ANI (@ANI) November 9, 2024
More details awaited. pic.twitter.com/Vd5bNiRPoB