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Uttar Pradesh News:बार-बार चालान कटा तो लाइसेंस होगा कैंसिल... सीएम योगी का सख्त आदेश

Uttar Pradesh News: यूपी में हर साल सड़क हादसे के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. जिस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई है. सीएम ने कहा इन हादसों के पीछे का कारण

Uttar Pradesh News: देश भर में सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, जिनमें कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। ये हादसे अक्सर जागरूकता की कमी के कारण होते हैं। हाल ही में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गंभीर समस्या को लेकर अहम जानकारी साझा की, जिसमें बताया गया कि हर साल प्रदेश में लगभग 26,000 लोग सड़क हादसों में जान गंवा देते हैं। सीएम ने इस स्थिति को बदलने के लिए कई ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया।

सड़क सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण निर्देश

नए साल के पहले दिन, सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विभागों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी वाहन का बार-बार चालान होता है, तो उसका लाइसेंस और परमिट दोनों ही रद्द कर दिए जाएं। इसके अलावा, सीएम योगी ने यह भी सुनिश्चित किया कि सड़क सुरक्षा के प्रयास केवल लखनऊ तक सीमित न रहें, बल्कि राज्य के सभी हिस्सों में इसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाए।

महाकुंभ और यातायात व्यवस्था

सीएम योगी ने महाकुंभ की तैयारियों का भी जायजा लिया, जिसमें उन्होंने यातायात व्यवस्था को लेकर प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) और होमगार्ड के कर्मियों की तैनाती का निर्देश दिया। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के दौरान यातायात व्यवस्था में कोई भी गड़बड़ी नहीं हो, इसके लिए पहले से ही पूरी योजना तैयार की जा रही है।

सड़क सुरक्षा पर जागरूकता अभियान

सीएम ने 5 जनवरी तक जिला सड़क सुरक्षा समितियों की बैठक बुलाने का आदेश दिया, ताकि सड़क सुरक्षा के उपायों पर चर्चा की जा सके। इसके अलावा, 6 से 10 जनवरी तक राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा नियमों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह जागरूकता अभियान लखनऊ तक ही सीमित न रहे, बल्कि पूरे प्रदेश में इसे व्यापक रूप से फैलाया जाए।

हर महीने होगी सड़क सुरक्षा पर समीक्षा बैठक

सीएम योगी ने कहा कि हर महीने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा की बैठक आयोजित की जानी चाहिए। इसमें पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। उन्होंने अधिकारियों को दुर्घटनाओं के संभावित स्थानों की पहचान करने और उन स्थानों पर सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की बात कही।

नाबालिगों पर विशेष ध्यान

सीएम योगी ने नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर भी चिंता जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि नाबालिगों को ई-रिक्शा और अन्य वाहनों को चलाने से रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है ताकि अवैध तरीके से चलने वाले वाहनों पर लगाम लगाई जा सके।

सड़क सुरक्षा के लिए होर्डिंग्स और साइनेज

सीएम ने कहा कि सड़क पर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए साइनेज लगाए जाने चाहिए। इसके अलावा, सूचना, परिवहन और सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों की तरफ से होर्डिंग्स भी लगाई जाएं, जो सड़क सुरक्षा के नियमों के बारे में लोगों को जागरूक करें। इन होर्डिंग्स को सभी जिलों, तहसीलों, थानों और नगर निकायों के बाहर लगाया जाएगा, ताकि आम लोग भी इन नियमों को जान सकें और सड़क सुरक्षा के महत्व को समझ सकें।

सड़क हादसों में हर साल 25,000-26,000 मौतें

सीएम योगी ने कहा कि हर साल सड़क हादसों में लगभग 25,000-26,000 लोग अपनी जान गंवाते हैं। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है, और इसके लिए जागरूकता की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया है। उन्होंने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि हर तीन महीने में इन जिला-स्तरीय पहलों की प्रगति की समीक्षा की जाए, ताकि इन दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।

अवैध बसों और ध्वनि प्रदूषण पर रोक

सीएम ने अवैध रूप से चलने वाली बसों को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि इन बसों की फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा, बाइकों में मॉडिफाई साइलेंसर और शोर वाले हॉर्न पर प्रतिबंध लगाने की बात भी की गई, ताकि ध्वनि प्रदूषण को रोका जा सके।

निष्कर्ष

सड़क सुरक्षा एक गंभीर विषय है, और इसके लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम समय की जरूरत हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद उम्मीद की जा रही है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और हर व्यक्ति सड़क सुरक्षा के महत्व को समझेगा। यह बदलाव तभी संभव है जब हम सब मिलकर सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और एक दूसरे को जागरूक करें।

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