India Alliance News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) को लीड करने की इच्छा जताने से सियासी माहौल में हलचल मच गई है। ममता ने शुक्रवार को यह बयान दिया कि अगर मौका मिला, तो वह इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर सकती हैं। उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में नई बहस छिड़ गई है, क्योंकि यह बयान कई दलों के बीच विभिन्न प्रतिक्रिया उत्पन्न कर रहा है।
समाजवादी पार्टी का समर्थन
ममता के बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने स्पष्ट समर्थन जताया है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि अगर ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन को लीड करती हैं, तो इस पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उनका कहना है कि ममता एक मजबूत नेता हैं और उनकी पार्टी लगातार भाजपा का विरोध करती आई है। उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल ने उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर 2024 के लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे इंडिया गठबंधन को फायदा हुआ है और भाजपा को नुकसान हुआ। इसके कारण सपा का समर्थन ममता के प्रति दृढ़ है। उदयवीर सिंह ने यह भी कहा कि अगर सभी घटक दल इस निर्णय पर सहमत होते हैं, तो सपा इसका पूर्ण समर्थन करेगी।
राजद और अन्य गठबंधन दलों की प्रतिक्रियाएं
ममता के बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद), यूनाइटेड ब्रेइकथ्रू (UBT), और जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (NC) से भी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने ममता के बयान के बारे में कुछ नहीं सुना और न ही उन्हें इस पर कोई टिप्पणी करनी है। वहीं, राजद ने ममता के बयान पर अपनी राय जाहिर की और कहा कि इंडिया गठबंधन का असली आर्किटेक्ट लालू प्रसाद यादव हैं। राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक लालू यादव के नेतृत्व में हुई थी और इसमें ममता भी शामिल थीं।
इसी बीच, उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि वे ममता की राय को समझते हैं और वे भी चाहते हैं कि ममता इंडिया गठबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनें। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे ममता हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना, सभी एकजुट हैं और जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी ने ममता के बयान पर तीखा प्रहार किया है। बीजेपी नेता प्रदीप भंडारी ने कहा कि इंडिया गठबंधन के किसी भी नेता को राहुल गांधी के नेतृत्व पर विश्वास नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की राजनीतिक समझ पर सवाल उठाए जा रहे हैं। भंडारी ने यह भी कहा कि कभी अखिलेश यादव, कभी ममता बनर्जी और कभी स्टालिन कह रहे हैं कि राहुल गांधी नेता नहीं हैं, और यही कारण है कि इंडिया गठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर असहमति है।
निष्कर्ष
ममता बनर्जी के बयान ने इंडिया गठबंधन में नेतृत्व को लेकर न केवल विभिन्न दलों के बीच असहमति को उजागर किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि गठबंधन में एकजुटता और विश्वास की कमी है। सपा ने ममता के नेतृत्व की सराहना की, जबकि राजद और अन्य दलों ने अपने रुख को स्पष्ट किया। भाजपा ने इस विवाद का फायदा उठाने की कोशिश की है, लेकिन यह देखना बाकी है कि इंडिया गठबंधन के भीतर यह घमासान किस दिशा में जाता है।