Politics News: मिलिंद देवड़ा कांग्रेस छोड़कर शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गए. रविवार की सुबह कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद वह सीएम एकनाथ शिंदे के सरकारी आवास पर पहुंचे थे. उसके बाद वह औपचारिक रूप से शिवसेना शिंदे गुट की सदस्यता ग्रहण की. मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे के साथ ही देवड़ा परिवार का कांग्रेस पर 55 साल का रिश्ता खत्म हो गया. मिलिंद देवड़ा के पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के बड़े नेता थे. अपने पिता का अनुसरण करते हुए मिलिंद देवड़ा ने भी कांग्रेस में अपना करियर शुरू किया था, लेकिन आज यह नाता तोड़ दिया.
शिदे गुट में शामिल होने के बाद मिलिंद देवड़ा ने कहा कि मकर संक्रांति पर सभी को शुभकामना देता हूं. आपकी सुख समृद्धि बढ़े. यह मेरी कामना है. आज वह भावुक हैं, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया और सीएम शिंदे के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हुए हैं. सीएम शिदें की राजनीतिक विकासमूलक रही है. लोगों की सेवा करने आए हैं. सीएम शिंदे अत्यंत मेहनती और सहज ही उपलब्ध होने वाले नेता हैं और जमीन नेता हैं.
उन्होंने कहा कि सुबह से बहुत लोगों से फोन आ रहा है. कांग्रेस से 55 साल रिश्ता क्यों तोड़ा. मैं पार्टी के सबसे कठिन समय में पार्टी का लोयल हूं. आज का कांग्रेस और 2004 के कांग्रेस में बहुत फर्क है. कांग्रेस और यूबीटी मेरिट और योग्यता को महत्व देते तो सीएम एकनाथ और वह यहां नहीं होते. एकनाथ जी को एक बड़ा फैसला लेना पड़ा. उन्हें भी फैसला लेना पड़ा. आज कांग्रेस केवल पीएम मोदी का विरोध कर रही है. आज इस कांग्रेस का एक ही काम है जो पीएम मोदी कहेंगे या करेंगे. ये उसका विरोध करते है
मिलिंद देवड़ा ने कहा कि आज केंद्र और राज्य में एक मजबूत सरकार की जरूरत है. पीएम मोदी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में मुंबई काफी सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि कभी सोच नहीं सकते थे पिछले 10 सालों में मुंबई में एक भी आतंकी हमला नहीं हुआ है. यह मोदी और एकनाथ शिंदे की नीति के कारण संभव हुआ है. मेरे लिए ये आसान नहीं था निर्णय लेना. मैं इस शिवसेना के जरिए महाराष्ट्र और देश की मुंबई की सेवा करूंगा.
मिलिंद देवड़ा शिवसेना शिंदे गुट में हुए शामिल
मिलिंद देवड़ा औपचारिक रूप से शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गये. उनके साथ कांग्रेस के कई नेता भी शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हुए हैं.बता दें कि मिलिंद देवड़ा मुंबई दक्षिण से पूर्व सांसद रहे हैं. इसके बाद वह कांग्रेस शासनकाल में केंद्र में राज्य मंत्री भी बने थे, लेकिन इसके बाद हुए दोनों लोकसभा चुनावों में देवड़ा हार गए. देवड़ा 2014 और 2019 के चुनाव में पराजित हुए थे. फिलहाल यह सीट शिवसेना उद्धव ठाकरे के पास है. और सीटों के बंटवारे के दौरान उद्धव ठाकरे गुट यह सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. ऐसा माना जा रहा है कि इसी कारण मिंलिद देवड़ा ने कांग्रेस से नाता तोड़ने का निर्णय किया है.