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J&K Election 2024:'कांग्रेस-NC हमारा एजेंडा स्वीकार करने को है तैयार तो...', गठबंधन पर बोलीं महबूबा मुफ्ती?

J&K Election 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने गठबंधन कर लिया है। ऐसे में अब पीडीपी भी इस गठबंधन में आने को तैयार बैठी है। इस बीच, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान सामने आया है।

J&K Election 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी गतिविधियाँ चरम पर हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में घोषणा की है कि उनकी पार्टी आगामी चुनाव में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) गठबंधन का समर्थन करने के लिए तैयार है, बशर्ते वे पीडीपी के एजेंडे को मान्यता दें। मुफ्ती ने जोर देकर कहा कि अगर कांग्रेस और NC पीडीपी के प्रस्तावित एजेंडे को स्वीकार करते हैं, तो उनकी पार्टी गठबंधन को समर्थन देने के लिए तैयार है।

महबूबा मुफ्ती ने 24 अगस्त को अपने चुनाव घोषणापत्र के लॉन्च पर कहा कि उनके लिए यह चुनाव केवल सीटों के बंटवारे का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के सम्मान और समाधान की लड़ाई है। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी का बड़ा लक्ष्य कश्मीर की समस्या का समाधान करना है, जो किसी भी गठबंधन या सीट बंटवारे से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

पीडीपी के घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 और 35ए को बहाल करने का वादा शामिल है, साथ ही भारत-पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक वार्ता शुरू करने और कश्मीरी पंडितों की सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करने का भी लक्ष्य रखा गया है।

2014 के विधानसभा चुनावों में पीडीपी ने 28 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी ने 25, NC ने 15, और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं। पीडीपी और बीजेपी ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी, लेकिन 2018 में मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया था।

अब, जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे: 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को, और वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को की जाएगी। यह चुनाव अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद कश्मीर में होने वाले पहले विधानसभा चुनाव हैं।वे एजेंडा स्वीकार करने को तैयार तो हमारा भी समर्थन

मुफ्ती ने कहा, 'जम्मू -कश्मीर ने लोकसभा चुनाव से बीजेपी सरकार को जवाब दे दिया है कि जम्मू -कश्मीर में समस्याएं हैं। अनुच्छेद 370 को हटाने से यह और जटिल हो गया है। जब भी हम किसी पार्टी के साथ गठबंधन करते हैं तो हमारा एक मकसद, एक एजेंडा होता है। हमें क्या करना है? इसलिए मैंने कहा कि अगर वे (कांग्रेस) हमारा एजेंडा स्वीकार करने के लिए तैयार हैं तो हम उनका समर्थन करने के लिए तैयार हैं।'

हमारा एक बड़ा लक्ष्य- मुफ्ती

इससे पहले 24 अगस्त को महबूबा मुफ्ती ने टिप्पणी की थी कि उनके लिए जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण हैं। पीडीपी के घोषणापत्र को लॉन्च के दौरान मुफ्ती ने कहा, 'मेरे लिए, यह चुनाव राज्य का दर्जा या सीट बंटवारे के बारे में नहीं है। हमारा एक बड़ा लक्ष्य है। हम सम्मान और समाधान के लिए लड़ रहे हैं।'

कश्मीर की समस्या का समाधान ज्यादा महत्वपूर्ण- मुफ्ती

उन्होंने आगे कहा कि गठबंधन और सीट बंटवारा दूर की बात है। मुफ्ती ने संकेत दिया कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस उनके एजेंडे को अपनाने के लिए तैयार हैं तो वह उनका समर्थन करेंगी, क्योंकि कश्मीर की समस्या का समाधान किसी भी चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

अनुच्छेद 370 और 35ए को बहाल करने का वादा

बता दें कि पीडीपी ने अपने चुनाव घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 और 35ए को बहाल करने का वादा किया है। साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक वार्ता शुरू करने और घाटी में कश्मीरी पंडितों की सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करने के प्रयासों का भी वादा किया है। 

पीडीपी को मिली थीं 28 सीटें

मालूम हो कि 2014 के विधानसभा चुनावों में जम्मू -कश्मीर में पीडीपी ने 28 सीटें जीतीं थी। भारतीय जनता पार्टी ने 25 सीटें जीतीं थी। जम्मू -कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीतीं थी। पीडीपी और बीजेपी ने मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई। हालांकि, 2018 में मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद महबूबा मुफ्ती के सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया था। 

तीन चरणों में हैं चुनाव

वहीं अब जम्मू -कश्मीर में 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में चुनाव होने हैं। वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में होने वाले ये पहले विधानसभा चुनाव हैं।

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